अपनी ही बात से पलटे कांग्रेस नेता मनीष तिवारी, अब ट्वीट करके दे रहे सफाई

लोकसभा सांसद और कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ‘अग्निपथ योजना’ को लेकर प्रदर्शनकारियों की चिंताओं के समर्थन में खड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह योजना ‘रफ कैलकुलेशन’ का नतीजा है। सोमवार को ट्विटर पर तिवारी ने लिखा, “ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से सांसद के रूप में मैं सशस्त्र बलों में शामिल होने की युवाओं की चिंताओं के साथ खड़ा हूं। राजनीति से अलग इस नई भर्ती योजना के असर का गलत कैलकुलेशन हुआ है। अगर रिटायर्ड लोगों को सीएपीएफ/एसपीएफ में स्थानांतरित किया जाता है तो यह हल्का मुद्दा नहीं है।”

 

इससे पहले बीते गुरुवार को मनीष तिवारी ने अग्निपथ योजना को लेकर अपनी पार्टी के अलग अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अग्निपथ योजना सही दिशा में एक बहुत जरूरी सुधार है और सशस्त्र बलों को रोजगार गारंटी कार्यक्रम नहीं होना चाहिए। तिवारी ने कहा, “यह एक ऐसा सुधार है जिसकी बहुत जरूरत है और यह सही दिशा में एक सुधार है। मैं अग्निपथ भर्ती प्रक्रिया को लेकर चिंतित युवाओं के साथ सहानुभूति रखता हूं। वास्तविकता यह है कि भारत को अत्याधुनिक हथियारों से लैस प्रौद्योगिकी के लिए युवा सशस्त्र बल की आवश्यकता है। सशस्त्र बलों को रोजगार गारंटी कार्यक्रम नहीं होना चाहिए।”

 

वहीं, भारतीय सेना ने ‘अग्निपथ सेनाभर्ती योजना’ के तहत सेना में शामिल होने के इच्छुक आवेदकों के लिए रविवार को दिशा-निर्देश और अन्य संबंधित जानकारी जारी की। सेना ने कहा कि ‘अग्निवीर’ भारतीय सेना में अलग श्रेणी होगी जो मौजूदा रैंक से अलग होगी और उन्हें किसी भी रेजीमेंट या यूनिट में तैनात किया जा सकेगा। सरकारी गोपनीयता कानून, 1923 के तहत ‘अग्निवीरों’ को चार साल की सेवा के दौरान मिली गोपनीय सूचनाओं को किसी भी अनाधिकारिक व्यक्ति या सूत्र को बताने से प्रतिबंधित किया जाएगा। सेना ने कहा, ”इस योजना के लागू होने से सेना के मेडिकल ब्रांच के टेक्निकल कैडर के अलावा अन्य सभी सामान्य कैडरों में सैनिकों की नियुक्ति सिर्फ उन्हीं के लिए खुलेगी जिन्होंने बतौर अग्निवीर अपना कार्यकाल पूरा किया है।”

 

 

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