एमएनसीयू संचालन के लिए 66 स्टाफ नर्सों को दिया प्रशिक्षण

रिपोर्ट – उपेंद्र शर्मा

  • सीएमओ कार्यालय सभागार में दिया जा रहा है प्रशिक्षण
  • कार्यशाला में नवजात के लिए स्तनपान और स्पर्श के फायदे बताए गए।

बुलंदशहर, 17 जून, 2022। जनपद में नवनिर्माण मदर न्यूबोर्न केयर यूनिट (एमएनसीयू) की संचालन के लिए 86 एएनएम स्टाप नर्सों के लिए चार दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। एमएनसीयू में तैनात स्टाफ नर्सेज को स्तनपान और स्पर्श के तरीके भी सिखाए जा रहे हैं। शासन से नामित संस्था कम्युनिटी एम्पावरमेंट लैब (सीईएल) की ओर से इसके लिए चार दिवसीय प्रशिक्षण शुरू कराया गया है। शुक्रवार को सीएमओ कार्यालय के सभागार में दूसरे दिन 21 कर्मचारियों को प्रशिक्षण किया गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. विनय कुमार सिंह ने बताया – पहले 3 दिनों में जनपद की 65 स्टाप नर्सों को प्रशिक्षण दिया गया। जबकि शनिवार को भी 21 स्टाफ नर्सों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी

(सीएमओ) डा. विनय कुमार सिंह की मौजूदगी में शुरू हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम में सीईएल (कम्युनिटी एम्पावरमेंट लैब) की ओर से स्टाफ नर्सों को स्तनपान का महत्व, स्तनपान कराने का सही तरीका और टाइमिंग के बारे में भी बताया गया। प्रशिक्षण सत्र के दौरान बताया गया, प्रसव के बाद जितना जल्दी संभव हो, स्तनपान कराएं। स्तनपान कराते समय यदि मां की पाजीशन सही नहीं, होगी तो स्तनपान कराना दर्दनाक हो सकता है। स्तनपान कराते समय शिशु मां से लिपटा और ताकि मां और शिशु की त्वचा संपर्क में रहे, ऐसा करने से जहां शिशु में सुरक्षा का भाव आएगा वहीं भूख लगने पर वह मां को संकेत भी दे सकेगा। शुरूआत में दिनचर्या की परवाह किए बगैर शिशु की जरूरत और प्रतिक्रियाओं के हिसाब से चलें। शुरूआती दिनों में शिशु को बार-बार स्तनपान की जरूरत होती है। शुक्रवार को सीएमओं ने प्रशिक्षण पाने वाली 21 स्टाप नर्सो को प्रशस्ति पत्र दिया।

 

कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. रोहताश यादव ने बताया प्रशिक्षण में एमएनसीयू में प्रसूताओं को बताएं कि वह हर बार शिशु को दोनों स्तनों से दूध पिलाएं। स्तनपान करा सकें तो शिशु को बोतल से दूध पिलाने की आदत डालना ठीक नहीं है। लंबे समय तक स्तनपान कराते समय प्रसूता दर्द की शिकायत करें तो चिकित्सकीय परामर्श की जरूरत होती है। घड़ी देखकर स्तनपान न कराएं, हर शिशु का समय अलग-अलग हो सकता है। शिशु की प्रतिक्रिया के मुताबिक व्यवहार करें। स्तनपान कराते समय निप्पल की सफाई का ध्यान रखना भी जरूरी होता है। इसके निप्पल पैड को बदलने के साथ ही संभव हो तो कुछ समय के लिए हवा लगाएं।

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