ओवैसी ने बीजेपी को हराने के लिए किया बड़ा खेल, समझें पूरा गणित
महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव को लेकर समीकरण बड़ी तेजी के साथ बदल रहे हैं. यहां 6 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं. 6वीं सीट के लिए कांटे का मुकाबला देखने को मिल रहा है. इस सीट पर बीजेपी (BJP) और शिवसेना (Shiv Sena) दोनों ने ही अपने-अपने उम्मीदवार उतार रखे हैं. ऐसे में एक-एक वोट के लिए खीचतान चल रही है. चुनाव से ठीक पहले महा विकास अघाड़ी (Maha Vikas Aghadi) गठबंधन को बड़ी राहत मिली है. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी AIMIM के दोनों विधायक MVA के उम्मीदवार का समर्थन करेंगे.
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने कहा कि वो बीजेपी को हराने के लिए महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवार को वोट करेगी. हालांकि ओवैसी ने यहां भी बड़ा खेल कर दिया है. ओवैसी की पार्टी ने महाविकास अघाड़ी में शामिल कांग्रेस के प्रत्याशी इमरान प्रतापगढ़ी का समर्थन किया है. जबकि असली लड़ाई तो 6वीं सीट के लिए है. इस सीट पर शिवसेना ने संजय पवार को उतारा है, जबकि भाजपा की ओर से धनंजय महाडिक को खड़ा किया गया है. संख्याबल के हिसाब से कांग्रेस पार्टी अपने प्रत्याशी को बड़े आराम से जिता सकती है. AIMIM के दोनों विधायक भी इमरान प्रतापगढ़ी का ही समर्थन कर रहे हैं, जबकि उन्हें सिर्फ अपने पार्टी के विधायकों की ही जरूरत है.
आपको बता दें कि राज्यसभा चुनाव में पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख और वर्त्तमान कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक मतदान नहीं कर पाएंगे. मुंबई सेशंस कोर्ट ने दोनों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. बता दें कि अनिल देशमुख और नवाब मलिक मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेल में बंद हैं. दोनों नेताओं ने राज्यसभा चुनाव में वोट डालने के लिए जमानत मांगी थी. लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया है. जिसके बाद शिवसेना प्रत्याशी के खाते से 2 वोट और कट गए हैं.
विधायकों की संख्याबल के हिसाब से शिवसेना, कांग्रेस और NCPके एक-एक तथा भाजपा के 2 उम्मीदवार आसानी से जीत सकते हैं, लेकिन 6वीं सीट के लिए भाजपा और शिवसेना दोनों ने एक-एक अतिरिक्त उम्मीदवार खड़े कर दिए हैं. 6वीं सीट जीतने के लिए बीजेपी को अपनी क्षमता से 13 विधायक और चाहिए, जबकि शिवसेना को 16 अधिक विधायकों की जरूरत पड़ेगी. ऐसे में छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों के भाव बढ़ गए हैं.