बच्चों किशोरियो एवं गर्भवती महिलाओं में कुपोषण व एनीमिया की दर को कम करने के लिए आंगबाड़ी केन्द्रों पर पोषण अभियान चलाये जा रहे
रायबरेली 29 मई, 2022 :देश व प्रदेश में बच्चों किशोरियों एवं गर्भवती महिलाओं में कुपोषण एवं एनीमिया की दर को कम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा 8 मार्च 2018 को राजस्थान के जनपद झुझुनु से पोषण अभियान का शुभारम्भ किया गया। जिसके अन्तर्गत कुपोषण एवं एनीमिया के चक्र को खत्म करने के लिए समग्र पोषण की अवधारणा में चार सूत्रीय रणनीति बनायी गयी जिसके अन्तर्गत सामुदायिक सहभागिता के कार्यक्रमों अन्नप्राशन गोदभराई, ममता दिवस, लाडली दिवस, सुपोषण दिवस वाश डे आदि का आयोजन सूचना एवं संचार तकनीक को बढ़ावा देने हेतु जनपद रायबरेली की 2833 आगनवाड़ी कार्यकत्रियों को स्मार्ट फोन प्रदान किये गये तथा पोषण अभियान को जन आन्दोलन का रूप देने हेतु राष्ट्रीय पोषण माह, पोषण पखवाड़ा आदि का आयोजन आंगनबाड़ी केन्द्रों पर किया जा रहा है तथा ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस में गर्भवती महिलाओं/पात्री माताओं एवं बच्चों की नियमित स्वास्थ्य जांच कराते हुये पोषण एवं स्वास्थ्य परामर्श सम्बन्धी सेवाएं प्रदान की जा रही है। जिसका सकारात्मक परिणाम यह रहा कि एनीमिया एवं कुपोषण की दर में कमी आई है।
भारत सरकार द्वारा कुपोषण को दूर करने के लिए जीवन चक्र एप्रोच अपनाकर चरणबद्ध ढंग से पोषण अभियान चलाया जा रहा है, भारत सरकार द्वारा 0 से 06 वर्ष तक के बच्चों एवं गर्भवती एवं धात्री माताओं के स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में समयबद्ध तरीके से सुधार हेतु महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय पोषण मिशन का गठन किया गया है राष्ट्रीय पोषण मिशन अंतर्गत कुपोषण को चरणबद्ध तरीके से दूर करने के लिए आगामी 03 वर्षाे के लिए लक्ष्य निर्धारित किये गये है। 0-6 वर्ष के बच्चों में ठिगनेपन से बचाव एवं इसमें कुल 6 प्रतिशत, प्रति वर्ष 2 प्रतिशत की दर से कमी लाना। 0 से 6 वर्ष के बच्चों का अल्प पोषण से बचाव एवं इसमें कुल 6 प्रतिशत, प्रति वर्ष 2 प्रतिशत की दर से कमी लाना। 6 से 59 माह के बच्चों में एनीमिया के प्रसार में कुल 9 प्रतिशत, प्रति वर्ष 3 प्रतिशत की दर से कमी लाना। 15 से 49 वर्ष की किशोरियों, गर्भवती एवं धात्री माताओं में एनीमिया के प्रसार में कुल 9 प्रतिशत, प्रति वर्ष 3 प्रतिशत की दर से कमी लाना। कम वजन के साथ जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या में कुल 6 प्रतिशत, प्रति वर्ष 2 प्रतिशत की दर से कमी लाने का उद्देश्य व लक्ष्य है।