Mahakumbh 2025: Kashi will be connected to Mahakumbh through rail, water and road, the journey of devotees will be easy.

Mahakumbh 2025: रेल, जल और सड़क के मार्ग से महाकुंभ से जुड़ेगी अपनी काशी, आसान होगा श्रद्धालुओं का सफर

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ को लेकर काशी में तैयारियां शुरू हो गई हैं। वाराणसी से महाकुंभ प्रस्थान करने वाले श्रद्धालुओं का सफर आसान होगा। रेल, जल और सड़क के मार्ग से महाकुंभ से काशी जुड़ेगी।

महाकुंभ को लेकर काशी में भी तैयारियां चल रहीं हैं। काशी में पलट प्रवाह थामने से लेकर महाकुंभ के लिए प्रस्थान करने वालों को रेल, सड़क और जल मार्ग की भी सुविधाएं मिलेंगी। महाकुंभ के लिए कैंट रोडवेज बस स्टेशन से 320 बसें चलाई जाएंगी। हर पांच मिनट के अंतराल पर बसें उपलब्ध होंगी।

 

बनारस स्टेशन, सिटी और कैंट से मेला स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी। नमो घाट और रविदास घाट से संगम तक गंगा में क्रूज और हाइड्रोजन जलयान चलाए जाने की भी तैयारियां चल रही हैं। दिसंबर माह में तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी। रेलवे स्टेशनों और रोडवेज बस स्टेशन पर लगे एलईडी स्क्रीन में महाकुंभ का प्रसारण भी किया जाएगा।

महाकुंभ में लगेंगी आठ डिपो की 320 बसें
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम वाराणसी परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक परशुराम पांडेय ने बताया कि कैंट डिपो की 52, काशी डिपो की 55, ग्रामीण डिपो की 33, चंदौली की 25, सोनभद्र की 32, विंध्यनगर डिपो की 28, गाजीपुर की 50 और जौनपुर डिपो की 55 बसें शामिल हैं। हर पांच मिनट के अंतराल पर श्रद्धालुओं को बसें मिलेंगी। दबाव बढ़ने पर बसों की संख्या और बढ़ाई जाएंगी। यह बसें दिसंबर के अंतिम सप्ताह से रूट पर उतरना शुरू हो जाएंगी। इलेक्टि्रक बसें भी चलाई जाएंगी। संभवत: 25 ई-बसें चलाई जाएंगी। हालांकि इस पर अभी अंतिम मुहर नहीं लग सकी है।
अधिकतर मेला स्पेशल ट्रेनों की बनारस स्टेशन से होगी आवाजाही
पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल के जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि महाकुंभ मेला स्पेशल ट्रेनों का संचालन पूर्वोत्तर रेलवे के बनारस, सिटी समेत अन्य स्टेशनों से किया जाएगा। बनारस स्टेशन पर श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए होल्ड एरिया भी बनाया जाएगा। बनारस स्टेशन से ही अधिकतर ट्रेनों का संचालन होगा। 25 से अधिक मेला स्पेशल ट्रेनों का संचालन संभव है। उधर, कैंट स्टेशन सर्कुलेटिंग एरिया में तीन हजार स्क्वायर फीट में जर्मन हैंगर विधि से शेड बनाया जाएगा। लगभग पांच से छह हजार यात्रियों को यहां ठहराने का प्रबंध होगा। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कमिश्नरेट की अतिरिक्त फोर्स तैनात होगी।

काशी से चुनार, विंध्याचल होते हुए करिए संगम तक का सफर
महाकुंभ में तीर्थ यात्री पहली बार जलमार्ग से भी आवाजाही कर सकेंगे। हाइड्रोजन जलयान का संचालन नमो घाट, रविदास घाट से चुनार, विंध्याचल होते हुए प्रयागराज तक किया जाएगा। 28 मीटर लंबे और 5.8 मीटर चौड़े जलयान पर एक बार में 50-55 लोग सवार हो सकेंगे। पर्यटन विभाग, नगर निगम और जिला प्रशासन की ओर से संचालन को लेकर कवायद की जा रही है। क्रूज का भी संचालन होगा। जल परिवहन अधिकारियों के अनुसार दिसंबर तक सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली जाएंगी। किराया और समय को लेकर मंथन चल रहा है।

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