Private nursing home dependent on district hospital

जिला अस्पताल के भरोसे प्राइवेट नर्सिंग होम

श्री डेस्क : रायबरेली जी हां यह बात सच है की जिला अस्पताल प्राइवेट नर्सिंग होम के लिए एक बिजनेस प्वाइंट बना हुआ है यहां पर हर अस्पताल अपने-अपने तरीके से अपने एजेंटों को रखता है और वही एजेंट मरीज को बताते हैं कि आप कहां पर जाओ तो आपका इलाज और आपकी जांच सही ढंग से हो सकती है क्योंकि कई पेशंटों के लिए स्थित बस से बदतर तब हो जाती है जब उनका एडमिशन होने के बाद उनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं होता जब वह वार्ड या नर्सिंग स्टाफ से अपनी बात कहने का प्रयास करते हैं तो उनका व्यवहार भी ठीक नहीं होता क्योंकि अस्पताल के अंदर के लोगों की संलिप्तता जग जाहिर है कई गंभीर मरीज चोट खाने के बाद अस्पताल पहुंचते हैं उनका एक्सरे होता है लेकिन दो-दो दिन तक डॉक्टर साहब रिपोर्ट ही नहीं सबमिट करते कारण मरीज परेशान होकर प्राइवेट अस्पताल की ओर भागता है और वहां से मोटा कमीशन डॉक्टर साहब को मिल जाता है हाल तो तब और भी खराब होता है जब जिला अस्पताल के नामी डॉक्टर मरीज से यह कहते हैं की आप फला अस्पताल में जाइए वहीं पर आपका ठीक से इलाज होगा और वहीं पर हम आकर देख लेंगे तो मरीज करें तो क्या करें इस तरीके की बहुत सी समस्याएं दूर-दूर से आए हुए गरीब मरीजो को झेलनी पड़ रही है

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नीरज नाम की चर्चा जिला अस्पताल में जोरों पर

वैसे तो हर अस्पताल के अपने-अपने लोग जिला अस्पताल के आसपास मिल ही जाएंगे लेकिन नीरज नाम के व्यक्ति की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है बताया जा रहा है कि एक अस्पताल का संचालक भी है शाम से लेकर देर रात तक जिला अस्पताल के मरीजों का मैनेजमेंट करने वाला यह व्यक्ति काफी चर्चा में है इसके खिलाफ अस्पताल प्रशासन कब करवाई करता है यह देखने वाली बात होगी
मिस्टर एक्स के नाम से मशहूर डॉक्टर एक नर्सिंग होम के लिए करते हैं काम
मिस्टर एक्स के नाम से मशहूर जिला अस्पताल के नामी डॉक्टर एक चर्चित नर्सिंग होम के लिए रात दिन एक किए रहते हैं अभी हाल ही में सताव क्षेत्र के मरीज को देखने के बाद उन्होंने उसे चर्चित अस्पताल के लिए रेफर किया और फिर 1 घंटे बाद खुद देखने पहुंच गए बेचारा मैरिज तो कमजोर गरीब था लेकिन फिर भी उसे अस्पताल का मोटा बिल भरने के लिए उसे अपनी रोज मर्रा की चीजें गिरवी रखनी पड़ी इस तरह हर दिन ऐसा खेल खेला जाता है और मरीज बिचारा जो सोच कर आता है कि जिला अस्पताल में उसे अच्छा इलाज और अच्छी सुविधा मिलेगी लेकिन उसी सिस्टम में बैठे कुछ लोग ऐसा खेल उसके साथ खेलेंगे उसे मालूम नहीं पड़ता

सरकार की मंशा को लग रहा है पलीता

उत्तर प्रदेश सरकार गरीब व्यक्तियों के लिए जहां पर आयुष्मान कार्ड जैसे अनेक योजनाएं मुहैया करा रही है साथ ही साथ जिला चिकित्सालय में गरीब लोगों का मुफ्त इलाज भी किया जाता है लेकिन सिस्टम में बैठे कुछ लोग सरकार कीके द्वारा दी जा रही सुविधाओं पर पानी फेर रहे हैं प्राइवेट अस्पतालों के एजेंटो को सह दे रहे हैं जिससे सरकार के द्वारा सुविधा का लाभ सही तरीके से समाज के अंतिम व्यक्ति तक नहीं मिल पा रहा है जल्द ही अगर इन मुन्ना भाई के जैसे एजेंटो पर लगाम नहीं लगाई गई तो व्यवस्था में कोई भी सुधार होने की उम्मीद नहीं की जा सकती
दूसरी तरफ मनको के विपरीत हर महीने कुकुरमुत्ता की तरह निजी अस्पतालों का खुलना जारी है जांच के नाम पर फर्जीवाड़ा आम बात हो गई है अगर ऐसे ही निजी अस्पताल खुलती रहे जो मानक के विपरीत हैं तो स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बद से बदतर हो जाएगी क्योंकि जहां पर जिला अस्पताल ऐम्स जैसी सरकार के द्वारा स्थापित इकाइयां है वहां पर गरीब लोगों को इलाज के लिए भटकना पड़े या प्रताड़ित होना पड़े यह कतई सही नहीं है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जो एक उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने का सपना संजोए हुए हैं उस पर यह लोग कालिख पोतने का काम अवश्य कर रहे हैं

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