If you are going to Maharajganj Community Health Center for treatment, then be careful.

आप अगर इलाज करने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महराजगंज जा रहे हैं तो सावधान हो जाएं

महराजगंज रायबरेली। आप अगर इलाज करने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महराजगंज जा रहे हैं तो सावधान हो जाएं यहां वायरल फीवर के रोगी को भी पाँच सौ रुपये से ज्यादा की दवा खरीदनी पड़ सकती है, यहां कोई भी मरीज आये जिसे चाहे जो भी मर्ज हो लेकिन ताकत के इंजेक्शन लगना आवश्यक है वह भी उसे कंपनी का जो डॉक्टर साहब कहते हो।
गरीब इस आस में सरकारी अस्पताल पहुंचते हैं कि एक रुपये की पर्ची पर उपचार के साथ दवा मुफ्त मिलेगी, लेकिन यहां तो खुले आम और बेख़ौफ़ होकर गरीबों की जेब काटी जा रही है, चिकित्सक बाहर मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली कमीशन की दवा का पर्चा मरीज को थमा रहे हैं, कुछ दिन पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने बगल के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण कर सख्त हिदायत दी थी की बाहरी दवा न लिखी जाए लेकिन किसी पर कोई असर नहीं है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महराजगंज में रोजाना लगभग दो सौ मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं चिकित्सक ओपीडी के पर्चे पर नहीं बल्कि अलग पर्चे पर दवा लिखकर थमा देते हैं किसी को एक दो दवा सरकारी पर्चे पर भी लिख दी जाती है जब मरीज अस्पताल के दवा काउंटर पर पहुंचते हैं तो उन्हें सीधे जवाब मिलता है कि यह दवा बाहर से मिलेगी दरअसल पूरा खेल मिली भगत से चल रहा है बाहरी से मिलने वाली दवा इस कंपनी की लिखी जाती है जो उन्हें अस्पताल के सामने मेडिकल स्टोर पर मिलती है जिससे चिकित्सको की साठगांठ होती है।

अलग पर्ची का खेल

सरकारी परिचय पर लिखी दवा अगर बाहरी मेडिकल स्टोर पर लिखी हुई मिले तो सरकारी डॉक्टरों पर आँच आ सकती है इसे बचाने के लिए सादे कागज का इस्तेमाल किया जाता है

जाँच के नाम पर लूट

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में खून जांच और एक-रे की सुविधा सरकार द्वारा दी गई है लेकिन चिकित्सको द्वारा खून की जांच बाहर से करने की सलाह देते हैं साथ ही यह भी बताया जाता है कि उक्त जांच कहां करनी है।
मामले में उपजिलाधिकारी रश्मि लता ने बताया कि मामला संज्ञान आने पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी

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