UP: गर्भवती प्रेमिका की पहले बेरहमी से हत्या की, फिर हाथ-मुंह धुला…गिरफ्तारी के बाद छह दिन तक पुलिस को छकाया
श्री डेस्क : हत्यारोपी वारदात के बाद बिना डरे परिवार के साथ छात्रा की तलाश में जुटा रहा। यहां तक कि उसने तहरीर भी अपने हाथ से लिखकर पुलिस को दी थी। वह पहले पुलिस के मुखबिर के रूप में काम करता था।
फतेहपुर जिले में हाईस्कूल की गर्भवती छात्रा की हत्या के मामले में कई खुलासे हुए हैं। जांच के दौरान पुलिस ने करीब 150 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले। कई जगह पर आरोपी की कार शाम को दिखी है। आरोपी कस्बे के ललौली रोड स्थित एक पेट्रोल पंप में भी करीब रात आठ बजे घटना के बाद पहुंचा। वहां उसने हाथ-मुंह धुला। माना जा रहा है कि हत्या के दौरान आरोपी के शरीर पर कुछ खून लगा होगा। पेट्रोल पंप में साफ करने पहुंचा था। आरोपी पहले सभासद का चुनाव भी लड़ चुका है। उसका भाई कन्नौज में बैंक कर्मी है।
प्रेमी ने गर्भपात की दवा के बहाने बेहोश कर की वारदात
पुलिस ने छात्रा के प्रेमी सेवानिवृत्त बीडीओ के पुत्र शिवेंद्र उर्फ शीबू रैदास को जेल भेजा है। पूछताछ में आरोपी शिवेंद्र ने कबूल किया है कि गर्भपात की दवा के बहाने किशोरी को कोल्डड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर बेहोश कर दिया। फिर किशोरी को जाफराबाद स्थित बाईपास लेकर पहुंचा। कार में रखी रॉड से बेहोशी हालत में किशोरी के सिर व चेहरे पर ताबड़तोड़ हमला कर हत्या कर दी।
शातिर दिमाग है आरोपी
पुलिस के मुताबिक शातिर दिमाग हत्यारोपी वारदात के बाद बिना डरे परिवार के साथ छात्रा की तलाश में जुटा रहा। यहां तक कि उसने तहरीर भी अपने हाथ से लिखकर पुलिस को दी थी। वह पहले पुलिस के मुखबिर के रूप में काम करता था। आरोपी के नौ महीने से अधिक समय से किशोरी से शारीरिक संबंध थे। वह परिवार के और भी एक सदस्य से मोबाइल पर बातचीत करता था। उसी मोबाइल पर व्हाट्सएप कॉलिंग पर छात्रा से बातचीत करने लगा था।
कॉल डिटेल की जांच के बाद हिरासत में लिया
खुलासे में पुलिस ने बताया कि मोबाइल कॉल डिटेल की जांच के बाद शिवेंद्र उर्फ शीबू रैदास को हिरासत में लिया। छात्रा से संबंध की बात स्वीकारने के साथ शिवेंद्र ने किशोरी को उसके चाचा को सौंपने की बात पुलिस को बताई थी। इस बयान से पुलिस उलझ गई थी। सीसीटीवी कैमरों और संदिग्धों के मोबाइलों की जांच के बाद पुलिस शिवेंद्र से सख्ती से पेश आई। उसने करीब छह दिन की पूछताछ के बाद गुनाह कबूल लिया।
कई साल से छात्रा के घर आना-जाना था
आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसका छात्रा के घर कई साल से आना-जाना था। करीब नौ माह पहले छात्रा को प्रेमजाल में फंसाया था। शारीरिक संबंध बनाने में छात्रा गर्भवती हो गई थी। यह बात छात्रा को भी पहले नहीं मालूम हुई थी। गर्भपात कराने में असफल रहने के बाद फंसने के डर से उसने छात्रा की हत्या की योजना बनाई।
वह छात्रा को घटना की शाम फर्नीचर की दुकान के पास से अपनी कार में बैठाकर ले गया। अंधेरा होने के इंतजार में कस्बे के आसपास ही घुमाता रहा। गर्भपात की दवा के बहाने किशोरी को कोल्डड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर बेहोश कर दिया।
करीब साढ़े सात बजे किशोरी को जाफराबाद स्थित बाईपास लेकर पहुंचा। कार में रखी रॉड से बेहोशी हालत में किशोरी के सिर व चेहरे पर ताबड़तोड़ हमला कर हत्या कर दी। किशोरी का शव पेड़ के पीछे फेंककर भाग निकला था। किसी को शक न हो इसी वजह से खुद ही परिजनों के पास पहुंच गया। देर रात तक छात्रा की खोजबीन में लगा रहा। उसने खुद ही पुलिस को दी गई तहरीर लिखी और छात्रा की मां के हस्ताक्षर कराए।
पुलिस ने कस्बे के ललौली रोड स्थित एक नाले से हत्या में प्रयुक्त रॉड, उत्तर प्रदेश सरकार की प्लेट लगी कार, मोबाइल और 700 रुपये बरामद किए हैं। आरोपी पर गर्भपात, दुष्कर्म, हत्या की धाराएं बढ़ाई गई हैं। वह पहले बिंदकी कोतवाली में तैनात एक रसूखदार हेड कांस्टेबल का करीबी था। उसके लिए मुखबिरी का काम करता था। इसी वजह से पुलिस के हथकंडे जानता था। वह पुलिस को छह दिन तक छकाए रहा।
एसपी धवल जायसवाल ने बताया कि खुलासे में शामिल कोतवाल संजय पांडेय, एसएसआई सत्यदेव गौतम, एसओजी प्रभारी विनोद कुमार यादव, हेड कांस्टेबल अनिल सिंह, अतुल त्रिपाठी, सर्विलांस टीम को 25 हजार रुपये का इनाम दिया गया है।
यह था मामला
कोतवाली क्षेत्र के एक मोहल्ले की 14 वर्षीय हाईस्कूल की छात्रा 14 सितंबर की शाम कोचिंग जाने के लिए घर से निकली थी, उसके बाद लापता हो गई थी। छात्रा का 15 सितंबर की सुबह बाईपास पर जाफराबाद गांव के किनारे से हत्या कर फेंका शव बरामद हुआ था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किशोरी साढ़े पांच माह की गर्भवती निकली थी।
किशोरी के चाचा को फंसाने की थी योजना, घर में छोड़ा था मोबाइल
खुद को बचाने और लड़की के चाचा को फंसाने की पूरी योजना हत्यारोपी ने बनाई थी। उसने घटना से पहले करीब चार बजे अपना मोबाइल ऑन कर घर में रख दिया था। इसके बाद घर से आठ बजे मोबाइल उठाया। उसने पुलिस को परिवार की एक और ऐसी अंदर की बात बताई, जिससे पुलिस का शक चाचा व उसके दो दोस्तों पर हुआ। खुद भी स्वीकारा कि छात्रा को उसने ही चाचा को सौंपा था। उसने चाचा को बचाने का झांसा देकर घटना कबूल कराने का दबाव भी बनाया।
पुलिस की जांच दौरान चाचा का मोबाइल भी दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक उनके कार्यस्थल में मिला। इससे पुलिस को दोनों की मिलीभगत होने का शक और भी गहरा हो गया। पुलिस ने गहराई से सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इसमें चाचा कार्यस्थल के आसपास और पांच बजे बाइक से घर पहुंचा दिखा। घर जाने के बाद बाइक से छात्रा की मां को लेकर खोजबीन में जुटा दिखा। इसी वजह से चाचा बच सका।