कड़ी सुरक्षा में संपन्न हुआ गाज़ी मियां का मेला।
मुस्तकीम अहमद /नसीराबाद, रायबरेली : सलोन तहसील की नसीराबाद नगर पंचायत में हर वर्ष लगने वाले गाजी मियां के मेले में कड़ी सुरक्षा के साथ व्यापक प्रबंध किए गए थे।
नगर पंचायत द्वारा साफ-सफाई और पेयजल की सराहनीय व्यवस्था की गई थी।नगर पंचायत नसीराबाद के वार्ड नंबर 9 गुडखेत नगर में मंगलवार को जायरानों की भीड़ सवेरे 6:00 बजे से ही जुटना आरंभ हो गई थी।इस मेले को आपसी भाईचारा और सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक माना जाता है जिसमें मुसलमान और हिंदू दोनों संप्रदाय के लोग शामिल होते हैं। हजरत सालार सैय्यद मसूद गाजी मियां की याद में प्रयागराज जनपद के कराली से यह मेला चलता है।
उनके अनुयाई झंडे लेकर कौशांबी जनपद के कड़ा मानिकपुर होते हुए प्रतापगढ़ जनपद के भवानीगंज के रास्ते रायबरेली जिले के सलोन कस्बे में प्रवेश करते हैं और परशदेपुर होते हुए 12वें दिन नसीराबाद कस्बे के गुरुखेत पहुंचते हैं। यहां पर यात्रा में शामिल अकीदतमंद खाना खाकर विश्राम करते हैं। इस बार मगंलवार को जायरीन नसीराबाद पहुंचे जहां स्थानीय अकीदतमंद भी शामिल हुए और जियारत करके लहबर(छोटा त्रिशूल) गाड़कर अपनी मुरादें पूरी करने की दुवाएं मांगीं। मेले मे अधिशासी अधिकारी राकेश कुमार सरोज के निर्देश पर ने विशेष रूप से साफ सफाई करवाई, चूने का छिड़काव कराया तथा जायरीनों के लिए स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था कराई।
हर साल सुबह चार बजे से अकीदतमंद झंडा लेकर लगभग सुबह दस बजे तक नसीराबाद पहुंचते हैं। दोपहर दो बजे तक यह मेला अमेठी जनपद के गोरियाबाद के लिए प्रस्थान करता है और राजाबाजार होते हुए बहराइच जिले में स्थित सैय्यद सालार मसूद गाजी की मजार तक पहुंचता है। कुछ लोग इसे हिन्दू मुस्लिम एकता और गंगा जमुनी तहजीब का प्रतीक मानते हैं।प्रयाग राज जिले की कराली से चलकर बहराइच तक के रास्ते में जहां-जहां ये लोग ठहरते हैं, वहां-वहां मेले लगते हैं ताकि यात्रियों को आवश्यक सामग्री आसानी से सुलभ हो सके।थाना प्रभारी निरीक्षक राजेश कुमार मौर्य द्वारा मेले में सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध किए गए थे।
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