नहरों में नहीं आ रहा पानी ! चिंता में डूबे किसान
- नहर में पानी की जगह उड़ रही धूल ! पिछड़ रही धान की नर्सरी
- खोखला साबित हो रहा किसानों की आय बढ़ाने का दावा : रामहेत
शिवगढ़,रायबरेली। प्रदेश सरकार का किसानों की आय बढ़ाने का दावा खोखला साबित हो रहा है। धान की नर्सरी डालने के समय नहरों में पानी की जगह धूल उड़ रही है, जिसको लेकर किसान चिन्तित है। जल्द ही नहर में पानी ना छोड़े जाने पर किसानों ने आंदोलन की चेतावनी दी है। गौरतलब हो कि वर्तमान समय में धान की नर्सरी डालने का समय चल रहा है किन्तु क्षेत्र का शिवगढ़ रजबहा,गूढ़ा रजबहा,बैंती रजबहा सहित नहरे सूखी पड़ी हैं।
नहरों में पानी चलने की जगह शिल्ट उड़ रही है। जिन किसानों के पास सिंचाई का निजी साधन था उन किसानों ने तो धान की नर्सरी डाल दी है किन्तु जिन किसानों के पास सिंचाई का कोई साधन नहीं है वह नहर में पानी आने का इन्तजार कर रहे हैं।
नहर में पानी आने के इंतजार में किसान सुबह-शाम नहर के चक्कर काट रहे हैं। किंतु जितनी बार नहर में पानी देखने जाते हैं उन्हे सिर्फ निराशा हाथ लगती है। कृषक रामहेत रावत, दिनेश कुमार, मायाराम, रामहर्ष, भानु प्रकाश पटेल, महेंद्र वर्मा,केतार पासी सहित किसानों का कहना है कि प्रदेश की योगी सरकार किसानों की आय बढ़ाने का ढिंढोरा पीटती है किन्तु जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
जरूरत के समय खाद,बीज,पानी नदारद रहता ऐसे में कैसे कृषि उत्पादन बढ़ेगा और कैसे किसानों की आय दूनी होगी। किसानों की माने तो अदम गोंडवी की ये पंक्तियां ‘तुम्हारी नजरों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये दावे झूठे हैं, ये आंकड़े किताबी हैं।’ चरितार्थ हो रही हैं।
शिवगढ़ रजबहा सहित माइनरों और अल्पिकाओं में पानी न आने को लेकर जब सिंचाई विभाग शारदा सहायक शारदा खण्ड लखनऊ के जेई रमाकांत से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बड़ी नहर में पानी छोड़ दिया गया है जब बड़ी नहर चढ़ेगी तब शिवगढ़ रजबहा,गूढ़ा रजबहा सहित माइनरों और अल्पिकाओं में पानी छोड़ दिया जाएगा।
दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी