भागवत का बयान, ब्राह्मण समाज का अपमान : कमल सिंह चौहान
- ब्राह्मणों पर जातिभेद का आरोप लगा भ्रम फैला रहे भागवत : कमल सिंह चौहान
रायबरेली – काँग्रेस नेता कमल सिंह चौहान ने ब्राह्मणों पर संघ प्रमुख मोहन भागवत के दिये बयान की कड़ी निंदा करते हुए उन्हें सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगने का सुझाव दिया है।
कमल सिंह ने भागवत के बयान को निन्दनीय व जातीय नफ़रत पैदा करने वाला बताते हुए कहा कि देश में ऐसे समय जब रामचरित मानस जलाई जा रही है और कुछ लोग धार्मिक ग्रंथो का विरोध कर रहे हैं ऐसे में आरएसएस प्रमुख भागवत का ये बयान उनको बल देने वाला और जातीय नफ़रत पैदा करने वाला है।
गाली देने के मामले में भागवत ने स्वामी प्रसाद मौर्या को भी पीछे छोड़ दिया है।जाति व्यवस्था के लिए ब्राह्मणों को अपराधी ठहराना कहाँ जायज है? इतिहास गवाह रहा है कि ब्राह्मणों ने राष्ट्र व समाज को आगे ले जाने का कार्य किया है।अगर इतनी ही दिक्कत है तो आप तो सत्ता में हैं, क्यों नहीं जाति व्यवस्था खत्म करने की पहल करते हैं!इस समय देश को तोड़ने वाली ताक़तों को जवाब देने की ज़रूरत है ना कि उनको प्रोत्साहित करने की।आज देश संविधान से चलता है और हर व्यक्ति का पैदा होते ही जाति प्रमाणपत्र बना कर जातियों में बाँट दिया जाता है। यदि आरएसएस और भाजपा में इच्छाशक्ति है तो इस व्यवस्था को ख़त्म कर नया भारत बनाए और केवल गरीब को सुविधाएँ मिले।श्री चौहान ने कहा है कि भागवत अपने बयान पर स्पष्टीकरण जारी कर माफ़ी माँगे अन्यथा पूरे प्रदेश में उनका विरोध किया जाएगा।
चौहान ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के ब्राह्मण विरोधी बयानों की भर्त्सना की और जातिवाद फैलाने का आरोप लगाते हुए तुरंत बयान वापस लेने की मांग की है। कमल सिंह ने कहा कि ब्राह्मणों ने कभी ना जातिवाद किया ना कभी जातिवाद फैलाया।
भागवत समाज में भ्रम फैलाकर राजनैतिक लाभ के लिए राजनीतिक रोटियां सेंकने की कोशिश कर रहे है। इस देश के अनेको प्रधानमंत्री व देश के आजादी के समय अधिकतर राज्यों के मुख्यमंत्री ब्राह्मण समाज से थे उसके बावजूद भी कभी समाज के राजनेताओं ने न परिवारवाद वह जातिवाद किया। हमेशा सर्व जाति को साथ लेकर सभी के हितों के लिए ब्राह्मण समाज तत्पर रहा है।हम मोहन भागवत के विरुद्ध जन जागरण अभियान चालू कर कर इसका व्यापक स्तर पर विरोध करेंगे।
गौरतलब है कि संघ प्रमुख भागवत ने रविदास जयंती कार्यक्रम में कहा था कि भगवान ने किसी की जाति नहीं बनाई, ब्राह्मणों ने जन्म के बाद लोगों को जातियों में बांटा है। इस बयान को लेकर ही ब्राह्मण समाज में आक्रोश है।