RaeBareli : जब 8 वर्षीय बाल व्यास कृष्ण मोहन कान्हा धाराप्रवाह सुनाने लगे श्रीमद्भागवत कथा
- श्रीमद्भागवत कथा एक अमर कथा है : बाल व्यास कृष्ण मोहन कान्हा
शिवगढ़,रायबरेली। शिवगढ़ क्षेत्र के बैंती बाजार स्थित पंचायत भवन में चल रही श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के प्रथम दिवस 8 वर्षीय बाल व्यास कृष्ण मोहन कान्हा जी ने अपनी अमृतमयी वाणी से श्रीमद्भागवत कथा का बखान करते हुए कहा कि जन्म-जन्मांतर एवं युग-युगांतर में जब पुण्य का उदय होता है, तब ऐसा अनुष्ठान होता है। श्रीमद्भागवत कथा एक अमर कथा है। इसे सुनने से पापी भी पाप मुक्त हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि वेदों का सार युगों-युगों से मानवजाति तक पहुंचता रहा है।
भागवतपुराण उसी सनातन ज्ञान की पयस्विनी है, जो वेदों से प्रवाहित होती चली आई है। इसलिए भागवत महापुराण को वेदों का सार कहा गया है। उन्होंने श्रीमद्भागवत महापुराण का बखान करते हुए कहा कि सबसे पहले सुखदेव मुनि ने राजा परीक्षित को भागवत कथा सुनाई थी, उन्हें सात दिनों के अन्दर तक्षक के दंश से मृत्यु का श्राप मिला था। श्रीमद्भागवत कथा का अमृत पान करने से संपूर्ण पापों का नाश होता है। 8 वर्षीय बाल व्यास कृष्ण मोहन कान्हा के मुखारबिन्दु से दिव्य कथा सुनते हुए श्रोता भाव विभोर हो गए। सबके मन में एक ही सवाल था आखिर 8 वर्ष के बालक को इतना ज्ञान कैसे है, नन्हे से बालक की अद्भुत क्षमता देख सभी आश्चर्यचकित थे। बाल व्यास कृष्ण मोहन कान्हा करीब डेढ़ घण्टे तक धारा प्रवाह कथा सुनते रहे।
इस मौके पर आयोजक सुरेश कुमार जायसवाल, रिंकू जायसवाल,ग्राम प्रधान प्रतिनिधि जानकीशरण जायसवाल,अमर सिंह राठौर, विनय त्रिवेदी, रामेश्वर सिंह, रामकिशोर शुक्ला,हरिज्ञान जयसवाल,हरीकृष्ण जायसवाल, हरिओम जायसवाल सहित भारी संख्या में श्रोतागण मौजूद रहे।
दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी