नोएडा : टीबी के खिलाफ जंग में मदद को उठे हाथ
रिपोर्ट – उपेंद्र शर्मा
- जनपद में गोद लिए गये 1669 टीबी मरीज
- पोषण से लेकर देखरेख का जिम्मा
नोएडा, 11 अप्रैल, 2022। जनपद को क्षय रोग मुक्त बनाने की दिशा में अलग-अलग संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अब तक 1669 क्षय रोगियों को गोद लिया है। गोद लेने वाले इसे पुनीत कार्य मानते हैं। इन मरीजों के पोषण से लेकर देखरेख की जिम्मेदारी गोद लेने वाले उठाएंगे।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. शिरीश जैन के अनुसार-इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) नोएडा ने जनपद में सबसे ज्यादा 216 टीबी मरीजों को गोद लिया है। गैर सरकारी संगठन ममता ने 194, आईएमए ग्रेटर नोएडा ने 137, रोटरी क्लब दादरी ने 56, सीएमओ आफिस ने 40, भारत विकास परिषद ने 33, राष्ट्रीय लोग मंच ने 30, अपना अधिकारी जनहित फाउंडेशन ने 30, जीपी वेलफेयर सोसायटी ने 30, रोटरी क्लब सैफरॉन ने 30, आरएचएएम फाउंडेशन ने 25, तिरुपति बालाजी एड एंड मार्केटिंग ने 25 मरीज गोद लिये हैं।
इसमें व्यक्तिगत रूप से भी लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया है। इसी क्रम में सामाजिक कार्यकर्ता अशोक बजाज ने 50, रवि बाली ने 25, दयानंद शर्मा ने 25, सुधीर सरदाना ने 15, प्रतीक भार्गव 15, मलिका भार्गव 15, मनीषा भार्गव ने 15, वीता गुप्ता ने 25, मुकुल गोपाल ने 25, अंजनी बावा ने 25, विनीत अग्रवाल ने 25, ललित खन्ना ने 24, सुनील मल्होत्रा ने 23 मरीजों को गोद लिया है। इसके अलावा भी बहुत से अन्य लोगों ने भी टीबी मरीजों को गोद लेकर उनके पोषण का जिम्मा लिया है।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया 18 वर्ष से कम आयु के 379 बच्चे और 18 वर्ष से अधिक उम्र की 525 युवतियां व महिलाएं गोद ली गई हैं। इसके अलावा 18 वर्ष से ऊपर की आयु के 765 पुरुषों को भी गोद लिया गया है।
उन्होंने बताया कि क्षय रोग उन्मूलन में राज्यपाल की पहल बहुत ही कारगर साबित हो रही है। क्षय रोगियों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए बेहतर खानपान की जरूरत होती है। क्षय रोगियों को गोद लेने वाली संस्थाओं और व्यक्तियों को उनका उपचार जारी रहने तक हर माह पोषाहार उपलब्ध कराने के साथ ही यह भी देखना है कि उनका उपचार सुचारू रूप से चलता रहे और जल्द ही संक्रमण को मात देकर वह भी सामान्य जीवन व्यतीत कर सकें।
उन्होंने कहा कि देखभाल के साथ-साथ मानसिक सहयोग टीबी को मात देने में मददगार साबित होगा। क्षय रोगियों को गोद लेने वाले मानसिक सहयोग के साथ ही देखभाल का जिम्मा भी उठाएंगे। लगातार रोगियों के संपर्क में रहकर उन्हें नियमित रूप से दवा खाने और पौष्टिक भोजन के लिए प्रेरित करते रहेंगे। इतना ही नहीं समय-समय पोषाहार भी उपलब्ध कराएंगे।
डा. जैन का कहना है- क्षय रोगी नियमित रूप से दवा लेते रहें, इसके लिए उन्हें देखभाल और प्रेरित करते रहने की जरूरत होती है। विभाग क्षय रोगियों को निशुल्क उपचार उपलब्ध कराता है और साथ ही सरकार की ओर से हर माह निक्षय पोषण योजना के तहत पांच सौ रुपए का भुगतान भी किया जाता है। यह राशि मरीज के खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है।