रामनरेश रावत के निधन पर शिवगढ़ राजमहल ‘महेश विलास पैलेस’ में आयोजित की गई शोकसभा
● बछरावां के पूर्व भाजपा विधायक रामनरेश रावत पंचतत्व में विलीन
● दिल्ली के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान हुआ निधन
● पूर्व विधायक रामनरेश रावत के निधन से बछरावां विधानसभा में शोक की लहर
रायबरेली। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व बछरावां विधायक एवं पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष रामनरेश रावत के आकस्मिक निधन से समूचे रायबरेली जनपद में शोक की लहर दौड़ गई। शिवगढ़ राजमहल ‘महेश विलास पैलेस’ में पूर्व एमएलसी राजा राकेश प्रताप सिंह की अगुवाई में शोकसभा आयोजित की गई। शोकसभा में उपस्थित पूर्व एमएलसी एवं भाजपा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य राजा राकेश प्रताप सिंह, पूर्व विधायक राजाराम त्यागी, महराजगंज नगर पंचायत चेयरमैन प्रतिनिधि प्रभात साहू, पूर्व प्रधान संघ अध्यक्ष विनोद सिंह, पूर्व प्रधान रामराज सिंह सहित दर्जनों की संख्या में उपस्थित लोगों ने 2 मिनट का मौन धारण कर दिवंगत रामनरेश रावत की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
शोक सभा में उपस्थित लोगों ने पूर्व विधायक रामनरेश रावत को नम आंखों से अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर राजा राकेश प्रताप ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि पूर्व विधायक रामनरेश रावत के निधन से भारतीय जनता पार्टी के अपूर्णनीय क्षति हुई है। श्री सिंह ने कहाकि रामनरेश रावत जी के निधन से मन बहुत व्यथित है। रामनरेश रावत के रूप में हमने एक सच्चा साथी खो दिया है।
गौर तलब हो कि भारतीय जनता पार्टी के पूर्व बछरावां विधायक रामनरेश रावत का लम्बी बीमारी के बाद रविवार को इलाज के दौरान दिल्ली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। जिनके निधन की खबर मिलते ही समूचे रायबरेली जनपद में शोक की लहर दौड़ गई है। वर्ष 2017 में रामनरेश रावत ने बछरावां विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़कर जीत हासिल की।
जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी से प्रदेश उपाध्यक्ष एवं बछरावां विधायक रहते हुए वर्ष 2017 से 2022 तक बछरावां विधानसभा में रहकर पूरी कर्तव्यनिष्ठा ईमानदारी के साथ अपने पद का निर्वहन किया एवं हमेशा लोगों के सुख-दुख में हमेशा साथ खड़े रहे।
वर्ष 2022 में भारतीय जनता पार्टी और अपना दल एस का गठबन्धन होने के चलते बछरावां सीट अपना दल एस के खाते में चली गई जिसके चलते रामनरेश रावत को टिकट नहीं मिल सका। कोविडकाल से रामनरेश रावत अस्वस्थ्य चल रहे थे।
हालांकि 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद से वे लगातार अस्वस्थ चल रहे थे, 7 मई 1962 को बाराबंकी जिले के दौलतपुर में जन्मे रामनरेश रावत ने बचपन से ही संघर्षों का सामना करते हुए अच्छे कार्य के लिए ना केवल राष्ट्रीय युवा गौरव सम्मान प्राप्त किया। बल्कि एमएलसी और विधायक के पद पर रहकर हमेशा जनता की सेवा की। इतिहास इस बात का गवाह है कि रामनरेश रावत के कार्यकाल में बछरावां विधानसभा में सड़कों पर जितना काम हुआ किसी भी विधायक के कार्यकाल में इतना काम नहीं हुआ होगा। रामनरेश रावत ने वर्षों पूर्व पारिजात नाम की संस्था की स्थापना करके अपनी पत्नी सरोज रावत के साथ मिलकर सैकड़ों गरीब बेटों और बेटियों को पढ़ा लिखाकर सामाजिक उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिनके इस योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
पूर्व विधायक रामनरेश रावत के निधन से बछरावां विधानसभा क्षेत्र की एक अपूर्णनीय क्षति हुई है। जिसकी कभी भरपाई नहीं की जा सकती। बछरावां विधानसभा क्षेत्र के लोगों की माने तो रामनरेश रावत ने 5 साल तक विधायक रहते हुए कभी भाई से भाई को लड़ाने का काम नही किया। जिनका अंतिम संस्कार शाम 5 बजकर 53 मिनट पर बाराबंकी जिले के सफदरगंज स्थित पारिजात संस्था प्रांगण में किया गया। जिनकी अंतिम दर्शन के लिए मंत्री, विधायकों के साथ ही आम जनमानस का तांता लगा रहा। शिवगढ़ ब्लाक प्रमुख कुंवर हनुमंत प्रताप सिंह, शिवगढ़ भाजपा मण्डल अध्यक्ष डॉक्टर जीबी सिंह, रामअवध वर्मा, कमल किशोर रावत,टीनू चन्द्रा, पूर्व प्रधान रामहेत रावत,बछरावां नगर पंचायत अध्यक्ष शिवेंद्र सिंह उर्फ रामजी, रामकिशोर रावत, देवतादीन पासवान,रतीपाल रावत,जमुनाराम, रामजियावन,कल्लू सिंह,साहबदीन पासी,अधवेश रावत, रविंद्र शर्मा, शरद सिंह, ललित तिवारी, पंकज मिश्रा, विजय कुमार रावत,किरन तिवारी आदि लोगों ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है। दुख की इस घड़ी में उनके परिवार को सहनशक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की।
दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी