बुलन्दशहर : अब खांसी की आवाज से होगी टीबी की पहचान

  • जनपद में 134 मरीजों के सैंपल के लिये की गयी खांसी की रिकॉर्डिंग
  • स्वास्थ्य विभाग ने तैयार किया टीबी कलेक्शन एप 
  • अब खांसी की आवाज से होगी टीबी की पहचान

रिपोर्ट – उपेंद्र शर्मा

बुलन्दशहर, 10 फरवरी 2022। टीबी एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनते ही लोगों को टेंशन हो जाती है। नयी-नयी तकनीक से इस बीमारी पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। अब खांसी की आवाज से टीबी की पहचान की जाएगी। इसके लिये स्वास्थ्य विभाग ने टीबी कलेक्शन एप तैयार किया है। इसके जरिए चिन्ह्ति घरों में जाकर सैंपल रिकार्ड किये गये। बुलंदशहर में भी इसकी शुरुआत हो गयी है। सैंपल के तौर पर 134 लोगों की खांसी की रिकॉर्डिंग की गयी है।


जिला क्षय रोग अधिकारी डा. सीपीएम गौतम ने बताया देश को क्षय रोग से मुक्त कराने के लिए नया एप डिजाइन किया गया है। इस एप में रोगी या चिन्ह्ति व्यक्ति की आवाज आठ बार रिकॉर्ड की जाएगी। पूरे देश से लिये जाने वाले 21 हजार सैंपल में सर्वाधिक यूपी से होंगे। प्रथम चरण के सर्वे में आवाज के सैंपल का अध्ययन होगा। इसमें से 750 टीबी रोगी होंगे। 750 गैर टीबी एवं  छह हजार टीबी लक्षण वालों के संपर्क या उनके रिश्तेदार होंगे।

उन्होंने बताया सर्वे में जिन लोगों की खांसी की आवाज रिकॉर्ड की गयी है, उनके नाम पते गोपनीय रखे जाएंगे। जिले को 124 लोगों की खांसी की आवाज की रिकॉर्डिंग के सैंपल का टारगेट दिया गया है, जिसके सापेक्ष 134 लोगों की खांसी की आवाज के सैंपल की रिकार्डिंग की गयी।

ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया

डीटीओ ने बताया कफ सांउड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड सोल्यूशन टू डिटेक्ट टीबी को लेकर ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया। स्मार्ट मोबाइल में टीबी रोगी एवं अन्य लोगों की आवाज को रिकॉर्ड किया गया। सैंपल उन्हीं के लिये गये जिनकी दवा शुरू नहीं हुई है।

“टीबी को देश से समाप्त करने के लिये अब चिन्ह्ति क्षय रोगियों पर यह सर्वे किया गया है। मोबाइल एप के माध्यम से खांसी की आवाज एवं अन्य प्रकार की आवाज रिकॉर्ड की गयी। इसे अध्ययन के लिये भेजा गया है। जनपद में 134 लोगों की खांसी की आवाज को रिकॉर्ड किया गया है।”
डा. सीपीएम गौतम, जिला क्षय रोग अधिकारी

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