कचरा उठाने के लिए आए वाहन हो गए कूड़ा करोड़ों का हुआ घोटाला
रायबरेली- केंद्र की मोदी सरकार स्वच्छ भारत के लिए दिशा निर्देश समय समय पर देती रहती है।वही उत्तर प्रदेश की योगीसरकार इस पर कड़ाई से निर्देश जारी करती हैं।इस की बनाए जिनको ये जिम्मेदारी दी गई है वो इस योजना में अपना उल्लू सीधा कर करोड़ो की खरीद तो कर लेते है।लेकिन उन साधनों का उपयोग न करने से वो डंपिंग यार्ड में खड़े खड़े खुद कूड़ा हो जाते है।कुछ ऐसा ही नजारा रायबरेली के नगर पालिका के डंपिंग यार्ड में देखने को मिला।करोड़ो की मशीनरी कूड़ा उठाने के लिए खरीद ली गई लेकिन मशीनरी के देखभाल न करने से अब वो खुद ही कूड़ा बन गई है।जिम्मेदार भी इस ओर ध्यान नही दे रहे नगर पालिका में कमीशन के चक्कर में वाहनों की खरीद की गई वाहनों की खरीद मेहमानों को को भी ताक पर रखा गया है सवाल यह उठता है कि जब वाहनों का उपयोग नहीं था तो करोड़ों की कीमत के वाहनों की खरीदारी क्यों की गई कहा जा रहा है कि जो वाहन संचालित नहीं हो रहे हैं उनके नाम के डीजल की एंट्री भी की जा रही है।
दरअसल स्वच्छ भारत अभियान के तहत नगरपालिका की ओर से करीब 5 साल पहले करोड़ों की कीमत से करीब 30 टाटा मैजिक कूड़ा उठाने के लिए खरीदी गई थी मकसद था डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन योजना शुरू कराई जा सके शहर क्षेत्र में 34 वार्ड हैं लेकिन इसमें इस योजना का संचालन कहीं भी नहीं कराया जा रहा है लेकिन अधिकारी हैं कि इसका संचालन सुचारू रूप से कराया जा रहा है कहते नहीं थक रहे हैं सभी वार्डों में योजना लागू होने के बाद तो जरूर कही जा रही है योजना संचालित होने के बावजूद शहर के प्रमुख चौराहे जिला अस्पताल डिग्री कॉलेज चौराहा बस स्टेशन पुलिस लाइन कहारों का अड्डा इंदिरा नगर हजार द्विवेदी नगर नया पुरवा आदि मोहल्लों में वादों में पसरी गंदगी इसका प्रमाण है तस्वीरों में दिख रही गाड़िया,कूड़ादान आदि स्वच्छता से जुड़े उपकरण जिले के जलकल विभाग के परिसर में लम्बे समय से सड़ने के लिए छोड़ दिये गए।अगर इन सबको काम मे लिया जाता तो स्वच्छ भारत अभियान का शहर वासियों को लाभ मिलता लेकिन अधिकारियों व कर्मचारियों की हिला हवाली ने करोड़ो की कीमत में खरीदे गए ये संयंत्र अपनी दुर्दशा की कहानी बयां कर रही है।नगर पालिका के सभासद का साफ कहना है कि इस लापरवाही के जिम्मेदार अधिशाषी व मौजूदा नगर पालिका अध्यक्षा है।जो न तो सभासदों की सुनती है और न ही स्वच्छ भारत अभियान को आगे बढ़ाती है।ये दोनों व्यक्ति मिलकर सिर्फ कमाई करने में जुटे है।सभासद की माने तो नगर पालिका प्रशासन से जब भी कोई विकास की मांग करते है तो उनका साफ कहना है कि ये हमारा काम नही है।कूड़ा निस्तारण में लगी गाड़ियों व कर्मचारियों का भुगतान लम्बे समय से नही किया गया जिसकी वजह से सफाई का काम अंतिम साँसे गिन रहा है।
अनुज मौर्य रिपोर्ट