Goddess Lakshmi : कहां होता है धन की देवी का वास और कहां से रूठ कर चली जाती हैं माता लक्ष्मी
श्री डेस्क : वास्तु शास्त्र के अनुसार लक्ष्मी जी हर घर में रहती हैं और ठहरती वही है जहां वास्तुशास्त्र के नियमों का पालन होता है ।
- जो कठोर वाणी बोलते हैं हमेशा अपनों से सामने वाले का अपमान करते हैं उसे दुख पहुंचाते हैं लक्ष्मी जी वहां से रुष्ट हो जाती है और फिर उस घर में वापस नहीं आती है ।
- और ना ही उस घर में कोई बरकत रह जाती है जो सूरज उगने य छिपने समय तक सोता है जो जोर से हंसता है जो शाम को सूरज उगने के टाइम पर भोजन करता है वहां लक्ष्मी जी प्रवेश नहीं करती हैं।
- लक्ष्मी जी किन-किन घरों में ज्यादा दिन या फिर हमेशा रहती हैं जो कोमल व मधुर वाणी बोलते हैं वह लक्ष्मी जी हमेशा रहती हैं और प्रसन्न रहती हैं । जो अंधेरे में सशयन नहीं करते हैं वहां लक्ष्मी जी हमेशा रहती हैं।
- जिस घर में सुबह 4:00 बजे घर का मेन दरवाजा खोल दिया जाता है वहां लक्ष्मी जी का वास हमेशा रहता है ।जिस घर के दाएं तरफ चप्पल उतारे जाते हैं वहां लक्ष्मी जी हमेशा रहती है घर के मेन गेट के सामने कभी चप्पल जूता नहीं रखना करना चाहिए ।
- जिस घर में सुबह शरीर के रोए ना दिखाई दे और घर में झाड़ू लग जाती है वहां माता लक्ष्मी हमेशा स्थाई रूप में रहती हैं ।
- जिस घर के लोग सुबह 5:00 बजे स्नान आदि करके पूजा आदि करते हैं वहां लक्ष्मी जी हमेशा खुश रहती है ।
- जहां पर झाड़ू को छिपाकर रखा जाता है दूसरों की नजरों से बचाकर रखना चाहिए वहां पर लक्ष्मी जी हमेशा प्रसन्न रहती है ।
- पूजा गृह में कौन-कौन से 2 प्रतिमाएं नहीं रखी जाती है पूजा घर में दो शिवलिंग दो शालिग्राम नहीं रखना चाहिए ।
- आपके पुष्पदंत खंडित चावल पूजा में नहीं चढ़ाना चाहिए।
- बगैर स्नान के तुलसी की पत्ती नहीं तोड़ना चाहिए।
- विष्णु भगवान की पूजा बगैर स्नान के नहीं करनी चाहिए।
- भगवान शिव का अभिषेक श्रंग से करना चाहिए।
- विष्णु भगवान की पूजा क्ष शंख से करना चाहिए गणेश भगवान की पूजा ताम्रपत्र करना चाहिए ।
- माता चंडी की एक परिक्रमा सूर्य भगवान की सात परिक्रमा गणेश जी की तीन परिक्रमा विष्णु भगवान की चार भगवान शिव की आधी प्रतीक्षा करनी चाहिए ।
- ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए क्योंकि तब तक माया सोती है क्योंकि माया के जगने पर हम भजन भाव पूजा नहीं कर पाते क्योंकि माया हमें यह सब नहीं करने देती।
- सबसे पहले अपने दोनों हाथों को एक दूसरे से रगड़ कर के हाथों की रेखाओं का दर्शन करना चाहिए फिर उसके बाद अपने माता पिता और गुरु का ध्यान करना चाहिए उसके बाद धरती माता को प्रणाम करना चाहिए ।
- सूर्य को अर्ध्य देते समय सूर्य को 12 बार नमस्कार करना चाहिए।
वास्तु विवरण
- रसोई घर घर के मुख्य द्वार के सामने नहीं होना चाहिए।
- कूड़ा दान और बिजली का खंभा घर के उत्तर दिशा में नहीं होना चाहिए ।
- घर बनवाते समय नीचे ज्यादा ऊपर कम खिड़की दरवाजा होने चाहिए।
- घर के उत्तर दिशा का स्थान हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए।
- विद्यार्थी को हमेशा उत्तर दिशा की ओर मुंह करके पढ़ना चाहिए ।
- घर के जीने के नीचे पूजा घर व शौचालय बनवाना चाहिए ।
- घर दक्षिण कोने में मशीनरी या फिर भारी लोहे का यंत्र ना लगाएं।
- घर के उत्तर दिशा में पानी का कुआं खुदवा ।
- रसोई घर रसोईघर दक्षिण दिशा में बनवाना चाहिए क्योंकि यह दिशा अग्नि कोण होती है इस दिशा में अग्नि देवता का वास रहता है ।
- एक घर में दो आंगन नहीं बनवाना चाहिए घर के आंगन में दीवार कभी नहीं बनानी चाहिए ।
- जो व्यक्ति वास्तुशास्त्र के नियमों से घर बनाते हैं वहां लक्ष्मी जी हमेशा अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखती हैं जय माता लक्ष्मी