ऐसों रास रचे वृंदावन, बज रही पायल की झंकार: श्रीमद्भागवत कथा
रिपोर्ट – मुन्ना सिंह
- प्रभु श्री कृष्ण ने गोपियों संग रचाया रास भगवान भोलेनाथ भी बनकर आए गोपी और कहलाए गोपेश्वर भगवान
बाराबंकी : हैदरगढ़ के ठाकुरद्वारा वार्ड में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन कथा व्यास नैमिषारण्य पंडित हरीकृष्ण पांडे द्वारा प्रभु श्री कृष्ण जी के कथा के बारे में बताते हुए बताया कि किस प्रकार से नंद के घर में गोपियों और सखाओ संग रास रचाने ,आनंद करने के बाद प्रभु श्री कृष्ण भक्तों की पुकार पर अधर्म का नाश करने के लिए मथुरा को कूच करें और उन्होंने अपने मामा कंस का वध किया और गोपियों संग रास भी रचाया ।
प्राथमिक शिक्षक संघ के ज़िला उपाध्यक्ष डा० विवेक कुमार गुप्ता व अधिवक्ता विभोर गुप्ता के आवास पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में व्यास जी कहते हैं कि पूर्व जन्म में प्रभु श्रीराम के त्रेता युग में संतों की पुकार पर उन्होंने प्रभु ने द्वापर युग में गोपियों के रूप में जन्म लेने वाले सभी संतो का के साथ रास रचाया और रासलीला करी निधिवन में सभी गोपियों के साथ अनेक रूप बनाते हुए प्रभु श्री कृष्ण ने लीलाएं करी तो ऐसे में भगवान भोलेनाथ भी अपने को रोक ना पाए और रासलीला में पहुंच गए जहां पर प्रभु श्री कृष्ण ने भगवान भोलेनाथ का रासलीला में स्वागत किया और गोपियों के रूप में आने के कारण भगवान भोलेनाथ का नाम गोपेश्वर भी कहा जाता है । व्यास जी कहते हैं कि गोपी बनने के लिए किसी श्रृंगार की आवश्यकता नहीं है बल्कि अपने प्रेम से अपने को गोपी समझकर उनके प्रति अपने को प्रेम से आशक्त कर लेना ही गोपी का स्वरूप है। मथुरा में कंस वध करने के बाद प्रभु श्री कृष्ण का यज्ञोपवीत हुआ और अपनी मामी को त्रेता युग में जिस प्रकार से प्रभु श्रीराम द्वारा बाली की पत्नी तारा को उपदेश दिया गया था उसी प्रकार से अपनी मामी को जीवन मरण का उपदेश दिया जिसके बाद शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रभु श्री कृष्ण उज्जैन में संदीपनी मुनि के आश्रम में चले गए । रासलीला के वृतांत के संगीत पर सभी पुरुष और महिलाओं ने प्रभु की भक्ति में लीन हो कर नृत्य किया भागवत कथा संगीतमय हो गई और सभी भक्ति रस में डूब कर प्रभु की भक्ति में लीन हो गए ।
मंगलवार को कथा के पांचवे दिन रात्रि कालीन समय में कथा में भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर रखकर के गांव वालों की प्राणों की रक्षा करी जिसकी वजह से प्रभु श्री कृष्ण गिरिराज भी कहलाए सभी मौजूद सैकड़ों की संख्या में भक्तों ने भगवान गिरिराज को छप्पन भोग लगाया और आरती करने के साथ ही गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करके भक्ति रस में लीन होकर प्रभु से सुख समृद्धि की कामना करी। देर रात तक हुई भागवत कथा में जो दूर से आए भक्तजनों ने कथा श्रवण कर अमृत पान किया और अपने जीवन को धन्य बनाया ।
इस मौके पर ग्राम प्रधान चौबीसी गौरव सिंह , जिला पंचायत सदस्य राम भीख त्रिवेदी ,निवर्तमान विधायक हैदरगढ़ बैजनाथ रावत ,आलोक तिवारी ,पंकज मिश्रा ,रवि शर्मा ,सिद्ध नाथ त्रिपाठी ,सरोज वर्मा ,राजू भैया ,रामकृपाल अवस्थी, सचिन बाजपेई, डॉक्टर रामगोपाल चौरसिया ,देवानंद पांडे ,जगदीश गर्ग , डा० राम बहादुर मिश्र आदि सैकड़ों भक्त मौजूद रहे ।











