जनपद में आज 16.38 लाख बच्चों को खिलाई जाएगी पेट के कीड़े निकालने की दवा
रिपोर्ट – उपेंद्र शर्मा
- 25 से 27 जुलाई तक चलेगा मॉपअप राउंड, इसमें छूटे बच्चों को गोली खिलाई जाएगी ।
बुलंदशहर, 19 जुलाई 2022। जनपद में कृमि मुक्ति कार्यक्रम के तहत बुधवार (20 जुलाई) को एक से 19 साल तक बच्चों और किशोरों को पेट के कीड़े निकालने की दवा (एल्बेंडाजोल) खिलाई जाएगी। जनपद में स्कूलों व आंगनबाड़ी केन्द्रों पर करीब 16.38 लाख बच्चों-किशोरों को एल्बेंडाजोल खिलायी जाएगी। बच्चों को दवा कैसे और कितनी दी जाएगी इसके लिए जिला और ब्लाक स्तर पर स्कूली शिक्षक-शिक्षिकाओं आशा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओँ और एएनएम को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार ने बताया- बुधवार को एक से 19 साल तक के बच्चों व किशोरों को पेट के कीड़े निकालने की गोली खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया बुधवार (20 जुलाई) को जो बच्चे दवा खाने से छूट जाएंगे, उन्हें मॉपअप राउंड में 25 से 27 जुलाई तक गोली खिलाई जाएगी। जनपद में 16.38 लाख बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य है।
आंगनबाड़ी और स्कूलों में बच्चों एल्बेंडाजोल दी जाएगी।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के डीईआईसी मैनेजर ललित कुमार ने बताया एक से दो वर्ष तक के बच्चों को आधी गोली पानी से खिलाई जाती है जबकि दो से 19 वर्ष तक के बच्चों को एक गोली खिलाई जाती है। गोली खाली पेट नहीं खिलानी चाहिए। इसके अलावा यदि कोई बच्चा बीमार है तो उसे भी यह गोली नहीं देनी है। स्वास्थ्य विभाग की टीम और प्रशिक्षित शिक्षक और आंगनबाड़ी- आशा कार्यकर्ता यह गोली खुद अपने सामने खिलाएंगी, अभियान में स्वास्थ्य विभाग के अलावा शिक्षा विभाग और समेकित बाल विकास विभाग का भी सहयोग लिया जाएगा।
कोई बच्चा यदि सर्दी-खांसी या बुखार से पीड़ित है तो उसे यह गोली नहीं खिलानी है।
छोटे बच्चों को गोली निगलने में परेशानी हो सकती है, इसलिए ऐसे बच्चों को गोली पीसकर खिलाई जाती है। शासन से निर्देश दिए गए हैं कि बच्चों को स्कूलों में दोपहर के भोजन के बाद यह गोली दी जाए, क्योंकि खाली पेट गोली खाने की मनाही है। यह गोली किसी भी प्रकार से बच्चों के लिए नुकसानदेय नहीं होती लेकिन फिर भी प्रशिक्षित की निगरानी में ही बच्चों को गोली खिलाई जाती है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. विनय कुमार सिंह ने बताया कृमि मुक्ति कार्यक्रम के लिए बेसिक शिक्षा, जिला विद्यालय निरीक्षक के प्रतिनिधियों, स्कूल शिक्षक-शिक्षिकाओं, आशा कार्यकर्ता एएनएम को शीघ्र ही ट्रेनिंग दी जा चुकी है। ट्रेनिंग में बताया गया कि एल्बेंडाजोल गोली खिलाते समय किन बातों का ध्यान रखना है और किस उम्र के बच्चों को कितनी गोली देनी है। यह गोली सभी बच्चों को प्रशिक्षित लोग अपने सामने खिलाएंगे। गौरतलब है कि पेट के कीड़े निकालने की दवा साल में दो बार बच्चों- किशोरों की खिलाई जाती है। इससे बच्चों को पेट के कीड़ों से तो मुक्ति मिलती है साथ कुपोषण और एनीमिया का खतरा भी काफी हद तक कम हो जाता है।