राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सत्ताधारियों और विपक्षियों ने बिछाई बिसात, जानें क्या है समीकरण

18 जून को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरु हो गई है। राष्ट्रपति पद के लिए हो रहे चुनाव के लिए गहमागहमी भी तेज हो गई है। सत्ता व विपक्ष की ओर से सियासी बिसात बिछाई जाने लगी है। विपक्षी एकजुटता की जरूरत को देखते हुए दीदी द्वारा बुलाई गई इस बैठक में कांग्रेस समेत अधिकांश दलों ने शिरकत की मगर आम आदमी पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति से लेकर एएमआइएम आदि ने इसमें हिस्सा नहीं लिया। राजग और संप्रग दोनों खेमों से बाहर रहने वाले दलों बीजद, वाइएसआर कांग्रेस, अकाली दल बादल ने भी बैठक से दूरी बनाई।

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने 17 विपक्षी दलों की बैठक में पवार के इन्कार के बाद नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला और बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी का नाम सुझाया। हालांकि कांग्रेस व अन्य दलों ने इन दोनों समेत किसी भी नाम का सुझाव नहीं दिया है।

इन दलों की राष्ट्रपति चुनाव में अहम भूमिका होनी है और ऐसे में यह विपक्ष के लिए सकारात्मक संकेत तो नहीं ही है। टीआरएस और आम आदमी पार्टी जैसे टीएमसी के करीबी दलों के बैठक में नहीं आने के सवाल पर ममता ने कहा कि किसी विशेष वजह से कुछ पार्टियां नहीं आई हैं लेकिन इसमें संदेह नहीं कि विपक्ष एकजुट होकर राष्ट्रपति चुनाव के मैदान में उतरेगा।राष्ट्रपति चुनाव के लिए बुधवार से नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया शुरु हो गई तो दूसरी तरफ सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों तरफ से सियासी गोलबंदी शुरु हो गई है।

विपक्ष से राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर मंथन शुरू होता उससे पहले ही भाजपा ने साथी ही नहीं विपक्षी दलों को भी टटोलना शुरू कर दिया। विपक्षी दलों के बीच राष्ट्रपति चुनाव में साझा उम्मीदवार मैदान में उतारने पर सहमति बन गई है, लेकिन प्रत्याशी अभी तय नहीं हुआ है क्योंकि सक्रिय राजनीति छोड़ने को तैयार नहीं राकांपा प्रमुख शरद पवार ने विपक्ष का सर्वसम्मत प्रत्याशी बनने से इन्कार कर दिया है।एनडीए के खिलाफ विपक्ष ने साझा उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर दी है। वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से आम सहमति बनाने के लिए ममता बनर्जी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अखिलेश यादव, नवीन पटनायक और नीतीश कुमार से फोन पर बात की।

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस की ओर से नियुक्त नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, ममता बनर्जी, शरद पवार, मायावती, अखिलेश यादव, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दूसरे कई दलों के नेताओं से बात की। हालांकि इस बातचीत में दोनों ओर से उम्मीदवारों के नामों को लेकर ही एक दूसरे को टटोलने की कोशिश ही होती रही।

 

 

 

 

 

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