साढ़े 3 घण्टे तक रेस्क्यू चलाकर 35 फुट गहरे कुएं से बाहर निकाला गया सांड

  • दमकल कर्मियों और ग्रामीणों की कड़ी मशक्कत के बाद सकरे कुएँ से बाहर निकाला जा सका सांड।

रायबरेली। शिवगढ़ थाना क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम पंचायत बैंती में फायर ब्रिगेड व ग्रामीणों की साढे़ 3 घण्टे की कड़ी मशक्कत के बाद रेस्क्यू कर 35 फुट गहरे कुएं से बाहर सांड को निकाला गया। गौरतलब हो कि बुधवार की सुबह 7 बजे शिवगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत बैंती कस्बे में अखिलेश सिंह के दरवाजे 2 सांड आपस में लड़ रहे थे। तभी एक सांड लड़ते- लड़ते पास स्थित 35 फुट गहरे कुएं में मुंह के बल चला गया। जानकारी होते ही दौड़े ग्रामीणों ने सांड को कुएं से बाहर निकालने का प्रयत्न किया।

किन्तु कुंआ अधिक गहरा और सकरा होने के कारण विशालकाय सांड़ कुएं में नीचे जाकर फंस गया। कुएं में गैस होने की सम्भवना के चलते ग्रामीणों ने कुएं में उतरना उचित नही समझा। जिसकी सूचना प्रधान प्रतिनिधि जानकीशरण जायसवाल द्वारा आनन-फानन में पुलिस और फायर ब्रिगेड को दी गई। सूचना पर प्रातः 9 पहुंची फायर ब्रिगेड की 6 सदस्सीय टीम ने श्याम मिश्रा के नेतृत्व में प्रधान प्रतिनिधि जानकीशरण जायसवाल, ग्रामीण ओम प्रकाश अवस्थी, दिनेश कुमार रावत, सोनू बाजपेई, मायाराम रावत, राज्जू, गौरव शुक्ला,बब्बू शुक्ला, पीएस त्रिवेदी,सौरभ शुक्ला, शुभम शुक्ला,शब्बू अविनाश तिवारी, मोहम्मद मुनीर आदि ग्रामीणों के सहयोग से टुल्लू मोटरों से कुएं में पानी भरकर कड़ी मशक्कत से दोपहर डेढ़ बजे सांड़ को कुएं से बाहर निकाल लिया किन्तु तब तक सांड की मौत हो चुकी थी।फायर ब्रिगेड व ग्रामीणों द्वारा सांड़ को कुएँ से बाहर निकालने के लिए साढ़े 3 घण्टे से अधिक रेस्क्यू चलाया गया किंतु दुर्भाग्यवश कुआं अधिक सकरा और अधिक गहरा होने के कारण सांड को जिंदा नहीं निकाला जा। सांड के कुएं में गिरने की जानकारी जैसे ही प्रधान प्रतिनिधि जानकीशरण जायसवाल व युवा समाजसेवी ओम प्रकाश को मिली वे मौके पर पहुंच गए और जब तक सांंड को बाहर नहीं निकाल लिया गया मौके पर डटे रहे। कुआं बीच कस्बे में होने के चलते आस-पास कोई बोरिंग नही थी जिससे कुएं में पानी भरने के लिए पंपिंग सेट का सहारा ले लिया जाता। लिहाजा टुल्लू मोटरों से कुएं में पानी भराया जा रहा था तभी रोस्टिंग के चलते लाइट चली गई। प्रधान प्रतिनिधि जानकीशरण जायसवाल ने विद्युत आपूर्ति के लिए जेई रवि गौतम,महराजगंज एसडीएम शालिकराम वर्मा से बात की जिसके बाद इमरजेंसी विद्युत आपूर्ति होने पर टुल्लू मोटरों को चलाकर कुएं में पानी भराया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *