ग्राम पंचायत मंसारा में भ्रष्टाचार की जांच करने पहुंची टीम
रिपोर्ट – मुन्ना सिंह
बाराबंकी : पूरे प्रदेश के विकास का मुद्दा उठाने वाले राज्यमंत्री सतीश शर्मा की पंचायत मंसारा बीते में 16 वर्षों से एक ही घर में रही प्रधानी के चलते प्रधानमंत्री आवास, हैंडपंप रिबोर, भूमि समतलीकरण व मनरेगा समेत अन्य विकास कार्यों में प्रधान व ब्लाक के अधिकारियों की मिलीभगत से धांधली व जालसाजी कर करोड़ों रुपए भुगतान के आरोप की जांच करने अधिकारी मंगलवार को गांव पहुंचे ।
इसकी सूचना पर दर्जनों ग्रामीणों की भीड़ एकत्र हो गई। यहां आरोपों की एक लंबी लिस्ट की परत खुलने लगी। उसने खेत खलिहान, स्कूल व गांव पंचायत के पीएम आवासों की हर एक बिंदुओं पर जांच की है। उसकी जांच में आरोपों सही साबित होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
सिद्धौर क्षेत्र के वलीनगर,मंसारा नईसड़क ( आंशिक), नसीपुर, नूरपुर, धनाईपुरवा, गोसाईपुरवा गांवों की करीब 6000 आबादी की पंचायत मंसारा है। जहां पर सत्ता पक्ष के राज्यमंत्री सतीश शर्मा का भी निवास है। बीते 16 वर्षों से गांव निवासी गुरु प्रसाद रावत व उनकी पत्नी राजरानी रावत की प्रधानी है।
ऐसे में गांव निवासी शिव प्रकाश, फुरकान खान, मो. रियाज खान, सुनील गोस्वामी, मो. ताहिर खान, अमरेश कुमार, मोहित कुमार, राज कुमार, कमलेश व मुस्ताक खान आदि का आरोप गांव में प्रधानमंत्री आवास, भूमि समतलीकरण, मनरेगा समेत अन्य विकास कार्यों के आड़ में सेक्रेटरी हरिराम, वीडियो यशोवर्धन सिंह, एडीओ पंचायत राम प्रकाश व प्रधान गुरू प्रसाद की मिलीभगत से करोड़ों रुपया का भुगतान है।
जिसकी जांच करने भूमि संरक्षण अधिकारी कुर्सी अरुणेश प्रताप सिंह गांव पहुंचे तो लोगों ने शिकायतों की लंबी फेहरिस्त लगा दी। उनका कहना था कि प्रधान के चहेतों के एक ही परिवार को लोगों को कई प्रधानमंत्री आवास दिए गए। जबकि कच्चे मकानों में रहने वाले अन्य ग्रामीणों को अपात्र घोषित करते हुए उन्हें इस योजना से वंचित कर दिया। जांच अधिकारी खेत खलिहान समेत अन्य स्थानों पर मंगलवार को जांच की।
बुधवार को गांव में पुन: जांच किए जाने की बात कही है। ऐसे में ग्रामीणों में जांच अधिकारी द्वारा निष्पक्ष जांच करने के उपरांत प्रधान व अन्य कर्मचारियों पर धांधली व जालसाजी करते हुए भुगतान पर मुकदमा दर्ज होने की उम्मीद है।राज्यमंत्री सतीश शर्मा के चाचा अजय कुमार शर्मा ने भी प्रधान गुरुप्रसाद पर धांधली व जालसाजी कर करोड़ों रुपए भुगतान कराने का भी आरोप लगाया। गांव में जांच अधिकारी के पहुंचने पर वह कागजों के लिस्ट लिए हुए शिकायत करने में मशगूल दिखे। इतना ही नहीं उक्त ग्रामीणों द्वारा शिकायत की दो झूला प्रपत्र मौजूद थे।
यहां बुजुर्ग महिलाएं, वृद्ध समेत अन्य सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित दर्जनों ग्रामीण शिकायत पर शिकायत कर रहे थे। जिसमें सुशील, संदीप प्रजापति, कमलेश, पुत्ती लाल,तारीक खान, हरिप्रसाद, सलमान, हसीब, राजेंद्र, मधु, अमरेश, प्रवेश, मनीष आदि ।