पड़रिया में कलश यात्रा से शुरू हुई श्रीमद्भागवत कथा

  • 4 अप्रैल को होगा विशाल भण्डारे का आयोजन

शिवगढ़,रायबरेली। क्षेत्र के ग्राम पंचायत पड़रिया स्थित नाग देवता नगदवा बाबा के मन्दिर प्रांगण में गत वर्षो की भांति कलश यात्रा से श्रीमद् भागवत कथा का शुभारम्भ किया गया। नैमिशारण सीतापुर से आए कथावाचक मुनींद्रा दास जी महाराज के नेतृत्व में जजमान हिमाचल सिंह व उनकी धर्मपत्नी कोमल सिंह, पूर्व प्रधान रामराज सिंह, हरिमोहन सिंह जगत, बहादुर सिंह, रघुराज सिंह, उदयराज सिंह, राजाराम सिंह, ओम प्रकाश सिंह, दान बहादुर सिंह, बद्री सिंह, शिव बक्स सिंह, जगजीवन सिंह भदौरिया, तेज बहादुर सिंह, रामहर्ष यादव, दयाशंकर यादव, दिनेश यादव, शिवकरन सिंह, महिपाल सिंह, देशराज यादव,अरविंद सिंह के साथ ही गांव की महिलाओं एवं युवतियों ने बाबा के मन्दिर प्रांगण से कलश यात्रा निकालकर ग्राम पंचायत के सभी मंदिरों में कलश यात्रा घुमाई गई।

कलश यात्रा के समापन पर शायंकाल श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम श्लोक से श्रीमद् भागवत कथा का शुभारम्भ हुआ। कथावाचक मुनींद्रा जी महाराज ने अपनी अमृतमयी वाणी से श्रीमद् भागवत कथा की महिमा का बखान करते हुए कहा कि मानव जीवन प्राप्त करने के बाद सच्चे मन से श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण बड़ा दुर्लभ है, क्योंकि हमारे करोड़ों-करोड़ पूण्यों के बाद हमें श्रीमद्भागवत कथा सुनने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा मानव जीवन प्राप्त करने के बाद मनुष्य जीवन पर्यंत माया मोह में फंसा रहता है, उसे सबसे बड़ा डर मृत्यु का रहता है क्योंकि मृत्यु के पश्चात फिर से मानव जीवन मिलना दुर्लभ है। उन्होंने कहाकि मृत्यु अटल है संसार में आने के बाद हर एक व्यक्ति की मृत्यु एक दिन निश्चित है।

भवसागर को पार करने के लिए माया मोह छोड़कर सच्चे मन से प्रभु का स्मरण करना होगा। छल कपट एवं पाप से अर्जित की गई संपत्ति से जीवन में भौतिक सुख तो प्राप्त किया जा सकता है किन्तु उससे दोबारा न ही मानव जीवन मिल सकता है और ना ही भवसागर को पार नहीं किया जा सकता। अगर दोबारा मानव जीवन प्राप्त करना है तो बचपन से ही पापों से बचना होगा, सच्चे मन से प्रभु का स्मरण करना होगा तभी मानव जीवन प्राप्त किया जा सकता है। पूर्व प्रधान रामराज सिंह ने बताया कि कथा का आयोजन ग्रामीणों के सामूहिक सहयोग से किया गया है जिसके समापन पर 4 अप्रैल को विशाल भण्डारे का आयोजन किया जाएगा।

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