चिलम से निकली चिंगारी ने मचाई तबाही,5 बीघे गेहूं की फसल जलकर राख
- 4 गांवों के लोगों ने मिलकर बुझाई आग ! किसान मिलाते रहे फोन नहीं पहुंची फायर ब्रिगेड
शिवगढ़,रायबरेली। शिवगढ़ थाना क्षेत्र के गुमावा पुलिस चौकी अंतर्गत रानीखेड़ा मजरे गुमावां में गांजा की चिलम से निकली चिंगारी ने प्रचंड रूप धारण कर लिया, जिसकी चपेट में आकर आधा दर्जन से अधिक किसानों के खेतों में खड़ी 5 बीघे से अधिक गेहूं की फसल जलकर राख हो गई। आग की उठती लपटों को देखकर दौड़े आस-पास के गांवों के ग्रामीणों एवं किसानों ने कड़ी मशक्कत के किसी तरह आग पर काबू पाया। किंतु जब तक आग पर काबू पाया जाता 5 बीघे से अधिक गेहूं की फसल जलकर खाक हो चुकी थी।
ग्रामीणों के मुताबिक मंगलवार को अपरान्ह करीब 2 बजे रानीखेड़ा मजरे गुमावां के कोलइया बाग हार में अचानक खेतों में खड़ी गेहूं की फसल धू-धूकर जलने लगी। खेतों में उठती आग की लपटों को देखकर आस-पास के गांव में अफरा – तफरी मच गई। किसानों की चीख-पुकार सुनकर रानीखेड़ा, चितई खेड़ा, नउवा का पुरवा,थरि सहित गांवों के दौड़े ग्रामीणों और किसानों ने इंजन चला कर एवं इकोलिप्टस की टहनियों से कड़ी मशक्कत के बाद किसी तरह आग पर काबू पाया। सबसे बड़ी विडम्बना रही कि ग्रामीण फायर ब्रिगेड को फोन मिलाते रहे किंतु मौके पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी नही पहुंची।
किसानों का कहना है कि यदि समय से फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंच जाती तो शायद इतना नुकसान ना होता। आग की इस घटना में अशोक लोधी पुत्र अनन्तू, रामसुचित पुत्र रामचन्दर, सतगुरु पुत्र शिवराम निवासी नउवा का पुरवा मजरे दहिगवां, सरजू प्रसाद पुत्र बृजमोहन, साहबदीन लोधी, रामअवध यादव पुत्र शिवबालक निवासीगण रानीखेड़ा मजरे गुमावा सहित आधा दर्जन से अधिक किसानों की 5 बीघे से अधिक गेहूँ की फसल जलकर राख हो गई हैं। खेत के मेड़ पर गांजा और हरे आम के पत्ते की चिलम मिली है, किसानों ने बताया खेतों में आग इसी जगह से लगी है।
कयास लगाया जा रहा है कि नशेड़ी ने गांजा पीकर सुलगती हुई चिलम रख दी होगी, जिससे निकली चिंगारी ने अपना प्रचण्ड रूप धारण कर लिया। ग्रामीणों की सूचना पर जब तक पुलिस पहुंचती आग बुझ चुकी थी। सूचना पर पहुंचे हल्का लेखपाल शिव प्रकाश मौर्या ने हुए नुकसान का जायजा लेकर अपनी रिपोर्ट तहसील प्रशासन को भेज दी है। पीड़ित किसानों ने तहसील प्रशासन से मुआवजा दिलाने की मांग की है।
दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी