सचिन बाजपेई का बीपीएससी टीआरई के बाद केवीएस पीआरटी में हुआ चयन
- ऑल इण्डिया लेवल पर अर्जित की 191 वीं रैंक
- सचिन ने दोहरी सफलता अर्जित कर क्षेत्र को किया गौरवान्वित
अंगद राही /शिवगढ़,रायबरेली। मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। इस कहावत को क्षेत्र के शिवगढ़ नगर पंचायत अन्तर्गत मनउखेड़ा गांव के रहने वाले सचिन बाजपेई ने चरितार्थ कर दिया है। गांव के ही प्राथमिक विद्यालय मनउखेड़ा में प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात राजेंद्र बाजपेई के बेटे सचिन बाजपेई ने वर्ष 2023 में बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा के साथ ही आल इण्डिया लेवल पर आयोजित केवीएस पीआरटी परीक्षा उत्तीर्ण करके समूचे क्षेत्र को गौरवान्वित कर दिया है।
कड़ी मेहनत एवं लगन के दम पर मेधावी सचिन बाजपेई ने दोहरी सफलता अर्जित की है। शुरू से ही पढ़ाई की प्रति सजग रहे सचिन बाजपेई ने जनवरी 2021 में बीटीसी प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद फरवरी 2021 में 150 में 141 अंक अर्जित कर 94 प्रतिशत अंकों के साथ सीटेट परीक्षा उत्तीर्ण की थी। जिसके बाद सचिन ने जून 2023 में निकली बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा (बीपीएससी टीआरई) में आवेदन किया और सफलता अर्जित की परिणाम स्वरूप सचिन बाजपेई का चयन बिहार प्रांत के प्राथमिक विद्यालय कुशमाहा जनपद बांका में सहायक अध्यापक के पद पर हो गया।
जो वर्तमान समय में डायट भागलपुर में प्रशिक्षणरह है, आगामी 2 दिसम्बर 2023 को जिनका प्रशिक्षण पूर्ण हो जाएगा। खुशी की बात है कि डायट भागलपुर में प्रशिक्षण पूर्ण होने से पहले ही बीते 28 नवम्बर 2023 की शाम को निकले केवीएस पीआरटी परीक्षा परिणाम में सचिन बाजपेई का चयन केवीएस में प्राइमरी सहायक अध्यापक के पद पर हो गया। ऑल इण्डिया लेवल पर आयोजित केवीएस पीआरटी परीक्षा में 6414 पदों में सचिन बाजपेई की 191वीं रैंक आई है। सचिन का चयन केवीएस पीआरटी में होने पर उनके साथियों ने मुंह मीठा कराकर उन्हे सफलता की बधाई दी। वहीं क्षेत्र के लोगों द्वारा सचिन बाजपेई के पिता राजेंद्र बाजपेई को बधाई दिए जाने का सिलसिला जारी रही है।
सचिन ने दिया युवाओं को संदेश
क्षेत्र के सरस्वती शिशु मन्दिर शिवली चौराहा से प्राइमरी की पढ़ाई करने के बाद सचिन ने कड़ी मेहनत और लगन को अपना लक्ष्य बना लिया। जिन्होंने क्षेत्र के युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि जीवन में कभी हताश न होना चाहिए, तब तक शांत ना बैठे जब तक सफलता अर्जित ना हो जाए।