जांच के नाम पर उलझी पुलिस, एटीएस को विवेचना सौंपने में ढिलाई

रायबरेली :  सलोन तहसील क्षेत्र के फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले की जांच में पुलिस उलझकर रह गई है। न तो उसके पास राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामले की विवेचना के संसाधन हैं और न ही एक्सपर्ट की टीम। स्थानीय पुलिस जांच के नाम पर हाथ खड़े कर रही है और प्रकरण की विवेचना उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधी दस्ता (यूपी एटीएस) को देने की बात कह रही है। इसके बावजूद अधिकारी एटीएस को विवेचना स्थानांतरित करने के लिए पत्राचार नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि गंभीर मामले की विवेचना एटीएस को स्थानांतरित क्यों नहीं की जा रही है? कहीं पुलिस खुद की किरकिरी से बचने के लिए तो ऐसा नहीं कर रही है?

लापरवाही
अब मामले को मैनेज करने की  कोशिश की जा रही हैं 

फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में पुलिस ने पहले जीशान को तो पकड़ लिया था, लेकिन लापरवाही का आलम यह रहा कि बस शांतिभंग की आशंका में उसका चालान कर दिया गया। बाद में एसडीएम कोर्ट ने जीशान को जमानत दे दी। अगर पुलिस ने पहले ही दिन गंभीरता दिखाई होती तो आज जांच की दिशा और दशा कुछ और ही होती। ऐसे में सवाल साफ है कि वह कौन जिम्मेदार था जिसने गंभीर मामले को भी मैनेज करने की भरसक कोशिश की।

सतर्कता

विधायक भी हुए अब सक्रिय
स्थानीय विधायक अशोक कुमार ने मामले की गंभीरता को समझा और जोरदार तरीके से उठाया भी। पुलिस व तहसील प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए। यह भी पूछा कि जीशान का शांतिभंग में चालान क्यों किया गया?

कोरमपूर्ति

जांच के लिए कोई संसाधन तक नहीं
मामला के तूल पकड़ने पर पुलिस ने जनसेवा केंद्र संचालक जीशान, वीडीओ विजय सिंह यादव समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा। खास बात ये है कि राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मामले की जांच करने के लिए पुलिस के पास संसाधन नहीं हैं।

सुस्ती

रिमांड की प्रक्रिया  अभी तक पूरी नहीं हुयी 
फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले का आतंकी कनेक्शन जुड़ रहा है। पुलिस की विवेचना के स्तर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आरोपियों के रिमांड पर लेने की प्रक्रिया ही पूरी नहीं हो पाई है।

हद है

मेडिकल लीव पर गए विवेचक लोग 
सलोन कोतवाली में तैनात रहे अपराध निरीक्षक आदर्श कुमार सिंह को फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले की विवेचना दी गई थी। वह मेडिकल लीव पर चले गए। ऐसे में कोतवाली में तैनात दरोगा जय प्रकाश त्रिपाठी को अब विवेचना सौंपी गई है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह विवेचना कब पूरी होगी और पूरे प्रकरण में शामिल अन्य लोग कैसे बेनकाब होंगे।

उम्मीद

हिरासत  पर लिए जाएंगे आरोपी, हर बिंदु की होगी जांच : आईजी
फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में लखनऊ रेंज के आईजी प्रशांत कुमार द्वितीय ने कहा कि विवेचना कराई जा रही है। हर बिंदु पर हमारी नजर है। पूरा डेटा एकत्र किया जा रहा है। फर्जीवाड़ा में जो भी लोग शामिल हैं, उन्हें चिह्नित कराकर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जेल भेजे गए आरोपियों को जल्द रिमांड पर लिया जाएगा। यूपी एटीएस को विवेचना सौंपने के सवाल पर आईजी ने कहा कि यह बात तो एटीएस ही बता सकती है। फिलहाल पुलिस पूरी गंभीरता के साथ प्रकरण की जांच कर रही है। इतने बड़े फर्जीवाड़ा में शामिल लोगों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

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