राष्ट्रव्यापी संविधान यात्रा का पिण्डौली में हुआ जोरदार स्वागत
- संविधान यात्रा ने ग्रामीणों में जगाई संविधान की अलख
शिवगढ़,रायबरेली। क्षेत्र के ग्राम पंचायत पिण्डौली पहुंची राष्ट्रव्यापी संविधान यात्रा का मवइया गांव के रहने वाले एडवोकेट दीपक कुमार बौद्ध के नेतृत्व में ग्रामीणों द्वारा भव्य स्वागत किया गया। दीपक कुमार बौद्ध व उनके साथियों की अगुवाई में राष्ट्रव्यापी संविधान यात्रा को गांव में घुमाकर लोगों को भारतीय संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ.भीमराव अम्बेडकर के संघर्षों एवं संविधान में दिए गये लोगों के मौलिक अधिकारों के विषय में बताया गया।
ग्रामीणों को जागरुक करते हुए एडवोकेट दीपक कुमार बौद्ध ने बताया कि 15 अगस्त सन् 1947 को देश को अंग्रेजों की परतंत्रता की बेडियों से आजादी मिलने के बाद भारत को सम्पूर्ण प्रभुत्व, सम्पन्न समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने की पवन भावना से ओत-प्रोत होकर देशवासियों ने अधिनियम संविधान को 26 नवम्बर सन् 1949 ई में अंगीकृत करने के साथ ही उसको लागू करने की संभावनाओं पर विषय चर्चा की जिसे 26 जनवरी सन 1950 को आत्मार्पित किया। लेकिन संविधान के निर्माण के पश्चात जनता के संवैधानिक प्रावधानों के संबंध में अभिज्ञता तथा संविधान की जटिल भाषा एवं शब्दावली के चलते उसके अनुपालन में तमाम बधाएं आती रही।
परिणाम स्वरुप देश के व्यवसायियों, मजदूरों, किसानों, बुजुर्गों,महिलाओं, युवाओं, छात्रों, बच्चों एवं नागरिकों की सामाजिक, आर्थिक, नैतिक , शैक्षणिक रूप से समुचित अनुपात में भागीदारी सुनिश्चित नहीं हो पायी जिसके चलते उनका और उनके बच्चों का वर्तमान और भविष्य दोनों ही संकट में है। अगर हमें अपने मौलिक अधिकारों को प्राप्त करना है तो हमें संविधान को करीब से जानना और समझना होगा। उन्होंने कहा कि बाबा साहब की पवित्र सोंच थी कि समाज में सभी को सम्मान मिले,सभी को उनके मौलिक अधिकार मिले किन्तु आजादी के 75 वर्ष बाद भी अधिकांश आबादी अपने मौलिक अधिकारों से वंचित है,आज भी लोगों का शोषण जारी है। संविधान यात्रा द्वारा दीपक कुमार बौद्ध के आवास पर रात्रि प्रवास किया गया। इस मौके पर यात्रा की संयोजक जितेंद्र राज त्यागी, अयोध्या प्रसाद बौद्ध, हिमांशु गौतम, अनुपम गौतम, अंकित कुमार, मुकेश कुमार, अमरीश बौद्ध, संजय भारती आदि लोग उपस्थित रहे।