अतिक्रमण हटाने के नाम पर उप जिला अधिकारी की मौजूदगी में सीजनल व्यापारियों पर ढाया गया कहर
रिपोर्ट – ललित मिश्रा
रायबरेली : जनपद के बछरावां कस्बे में रक्षाबंधन के पावन पर्व पर उप जिलाधिकारी महाराजगंज की मौजूदगी में पुलिस विभाग द्वारा बुलडोजर की मदद से सीजनल व्यापारियों पर कहर ढाया गया. ज्ञात हो की रक्षाबंधन के पर्व पर छोटे-छोटे गरीब व्यक्ति राखी बेचकर अथवा सड़क के किनारे तखत डालकर मिठाई की दुकानें सजा कर अपने परिवार के गुजर बसर का इंतजाम करते हैं. यह दुकाने परमानेंट ना होकर मात्र चंद दिनों के लिए लगाई जाती हैं और जैसे ही त्योहार खत्म होता है यह दुकानदार अपने बचे हुए माल को समेट कर घरों को चले जाते हैं.
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इस वर्ष भी इन दुकानदारों ने इस आशा के साथ की त्यौहार पर चार पैसे मिल जाएंगे तो उनके परिवार का इस महंगाई के दौर में कुछ दिनों के लिए भरण पोषण का सहारा मिल जाएगा परंतु उनकी आशाओं पर उस समय तुसारापात हो गया जब अचानक बगैर किसी पूर्व सूचना केबुधवार की सायंकाल उप जिलाधिकारी पुलिस फोर्स तथा बुलडोजर के साथ थाने से निकले और छोटे छोटे दुकानदारों की दुकानों को बुलडोजर की मदद से ट्रैक्टरों में भरवाना शुरू कर दिया।
गरीब दुकानदार गुहार लगाते रहे हुजूर कर्ज लेकर यह सामान लाए हैं बर्बाद हो जाएंगे मगर उनकी कोई भी फरियाद नहीं सुनी गई संतोष कुमार प्रतिवर्ष नगर पंचायत कार्यालय के सामने तखत लगाकर मिठाई की दुकान लगाया करते थे. रक्षाबंधन के दिन शाम को वह अपनी दुकान समाप्त कर बचा हुआ सामान घर उठा लाते थे परंतु बुधवार की दोपहर जैसे ही उन्होंने दुकान लगाया कि उन पर कहर टूट पड़ा उनके तखत मिठाइयां आदि ट्रैक्टर पर लाद ली गई. महाराजगंज तिराहे पर स्थित मिठाई की दुकान को बड़ी बेदर्दी से तोड़ दिया गया छोटी बड़ी कितनी ही राखी की दुकानें उठाकर लादली गई. यह खबर पाते ही उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारी अध्यक्ष डॉ विजय पाल यादव संरक्षक चंद्र प्रकाश गुप्ता भारी संख्या में अपने व्यापारी भाइयों को लेकर मौके पर पहुंच गए. और उन्होंने इस अत्याचार के विरुद्ध अपना विरोध दर्ज कराया पूर्व विधायक रामलाल अकेला ने भी इस कार्यवाही को अनैतिक करार देते हुए आंदोलन की चेतावनी दी. तब कहीं जाकर उप जिलाधिकारी को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने दुकानदारों को यह आश्वासन दिया कि रक्षाबंधन तक वह अपनी दुकानें लगा सकते है सवाल यह उठता है. कि बछरावां के अंदर धन्ना सेठों के द्वारा प्रत्येक मार्ग पर अवैध अतिक्रमण कर रखा गया है नालोके ऊपर बड़ी बड़ी बिल्डिंग खड़ी हो गई है कहीं कहीं पर तोनाले को भी पूर्ण रूप से नहीं बनाया गया परंतु किसी अधिकारी में हिम्मत नहीं है कि वह बछरावां के जल निकासी के लिए नालों पर खड़ी बिल्डिंगों को गिरवा सके अतिक्रमण हटाओ कानून क्या किसी गरीब व्यक्ति पर ही लागू होता है इस तरह गरीबों पर किया जाने वाला अत्याचार कहीं मौजूदा सरकार को बदनाम करने की साजिश तो नहीं है.