नाबालिक बच्चे दौड़ा रहे हैं सड़कों पर ई-रिक्शा
रिपोर्टर- निशांत सिंह
- बिना लाइसेंस और बिना रजिस्ट्रेशन फिर भी बच्चे से दौड़ा रहे हैं ई रिक्शा।
परशदेपुर रायबरेली। सभी राहगीरों की जान को खतरे में डालकर नाबालिक बच्चे क्यों दौड़ा रहे हैं जिससे सलोन नसीराबाद जायस रोड पर बिना लाइसेंस बिना रजिस्ट्रेशन के बच्चे तेजी से रिक्शा चलाकर और ज्यादा और लोडिंग करके बेसब्री से लोगों की जानी दुश्मन बने हैं। रिक्शा चालक है अपनी जिम्मेदारी से बेखौफ और यमराज बन कर देख साथ दौड़ा कर ले रहे हैं लोगों की जान इन रिक्शा चालकों की वजह से घंटों लगा रहता है सड़कों पर जाम और हर दिन कोई न कोई होता है मृत्यु का शिकार हर रोज होती है.
दुर्घटनाएं बिना पंजीकरण कराए हर कारोबार को बेखौफ होकर अंजाम दे रहे शहर का शहर की हालत यह हो गई है कि पार्किंग स्थल ना होने पर हर जगह रिश्तो का मेला लग रहा है, जबकि ई रिक्शा चालकों की वजह से हमेशा ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर हर रोज होता है धमाल हर रोज होते हैं बड़े से बड़े पैमाने में बवाल इन रिक्शा चालकों की वजह से जान पर बनी है। फिर प्रशासन गूंगा और बहरा रहता है और यह रिश्ता चालक जहां मन करता है वही खड़ा करके अपनी सवारी भरने लगते हैं। हॉट स्टार पर सो सो ई रिक्शा खड़क रखते हैं। 25% रजिस्ट्रेशन है तो 85% ऐसे ही दौड़ा रहे हैं रिक्शा आखिर कौन है इसका जिम्मेदार क्यों नहीं देखते हैं इनकी धांधली अधिकारी लोग क्यों नहीं देखते हैं या फिर देखकर अनजान है पर क्यों हैं.
अधिकारी चुप कौन देता है इसका बढ़ावा किस के बल पर कौन कर रहा है यह खेल जहां सरकार के अनुसार ई-रिक्शा केवल नगरी गांव क्षेत्र के 3 किलोमीटर से 30 किलोमीटर के अंदर चल सकते हैं प्रशासन क्यों है ई रिक्शा चालकों पर इतना मेहरबान सलोन परशदेपुर धराई मेहंदीपुर नसीराबाद से लेकर जायज तक आराम से आते जाते हैं 3 किलोमीटर की बजाय 30 किलोमीटर तक दौड़ते हैं राहगीरों से किराया वसूल वसूलने पर एकजुट होकर मारपीट तक कर लेते हैं आखिरकार कब प्रशासन अपनी आंखें खोलेगा कब तक दौड़ेंगे बिना परमिट रिक्शे और जिला प्रशासन इनके ऊपर कब करेगा अपनी कार्यवाही।