Lord Shiva, snake god worshiped on Nag Panchami

नाग पंचमी पर हुई भगवान शिव, नाग देवता की पूजा

भाइयों ने पीटी बहनों द्वारा बनाई गई गुड़िया

शिवगढ़,रायबरेली :  क्षेत्र में हर्षोल्लास पूर्वक नागपंचमी तथा गुडिया का त्योहार मनाया गया। शिवालयों में भगवान शिव तथा नाग देवता की पूजा अर्चना की गई। शिवगढ़ नगर पंचायत सहित क्षेत्र की सभी 36 ग्राम पंचायतों में गुड़िया का त्यौहार मनाया गया। बैंती,गूढ़ा,बेड़ारु,जगदीशपुर,गुमावा,खजुरों,बहुदाखुर्द, पाराखुर्द, दहिगवां, कुम्भी,देहली, सूरजपुर,ओसाह,नगर पंचायत शिवगढ़ सहित सभी ग्राम पंचायतों के गली मोहल्लों में गुड़िया पीटी गई। गौरतलब हो कि नागपंचमी में नाग देवता की आराधना की जाती है शाम को गुड़िया पीटी जाती है। कपडों की बनाई गई गुड़ियों की शीम आदि की डालों,डण्डो से पिटाई की जाती है। बहनें गुड़िया बनाकर उन्हे सजाती हैं जिन्हे भाई पीटते हैं। बहनें पुराने तथा नये कपड़े के टुकड़ों से गुड़िया बनाकर तैयार करतीं हैं।

उसके बाद वो इन्हे किसी चौराहे या तालाब के पास अथवा सार्वजनिक स्थलों पर रख देतीं हैं। जिसके बाद उनके भाई इन्हे पीटते हैं। मान्यता है कि प्राचीन काल में महादेव नाम का एक लड़का था जो नाग देवता का परम भक्त था। वो प्रतिदिन सुबह उठकर शिवालय में जाकर भगवान शिव के साथ नाग देवता की भी पूरे विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करता था। नाग देवता उससे बेहद प्रसन्न थे और उसे हर दिन किसी न किसी रूप में दर्शन देते थे।

ऐसा भी कहा जाता है कि मन्दिर में पूजा के दौरान कई नाग भक्त महादेव के पैरों से लिपट जाया करते थे। लेकिन नाग देवता की कृपा से उसे किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचाते थे।पौराणिक कथा के मुताबिक जब एक दिन महादेव शिवालय में नाग देवता की भक्ति में लीन था तो हमेशा की ही तरह नाग उसके पैरों से लिपट गए। उसी समय महदेव की बहन वहां आ गयी नाग को अपने भाई के पैरों में लिपटा देखकर वो बेहद डर गयी उसे लगा कि ये नाग उसके भाई को काट सकता है।

तब अपने भाई को बचाने के लिए उसने एक डंडा उठाकर उस नाग को पीट-पीट कर मार डाला। इसके बाद जब महादेव का ध्यान टुटा तो उसने नाग को अपने पास मारा हुआ पाया। ये देखकर उसे बहन पर अत्यंत क्रोध आया इसका कारण पूछने पर बहन ने उसे पूरी सच्चाई बता दी। इसपर महादेव ने कहा कि तुमने एक नाग को मारा है इसका दंड तुम्हे भुगतना पड़ेगा। लेकिन बहन ने अनजाने में उस नाग को मारा था इसलिए उस दिन से प्रतीकात्मक गुड़िया को बनाकर उसे पीटा गया। इसे प्रतीकात्मक सजा माना गया। तभी से नागपंचमी के दिन गुडिया मनाने की परंपरा चली आ रही हैं।

नाग पंचमी पर जगह-जगह हुआ दंगल का आयोजन

नाग पंचमी की पावन अवसर पर हर साल की तरह क्षेत्र की विभिन्न ग्राम पंचायतों में दंगल का आयोजन किया गया जिसमें छोटे-छोटे बच्चों ने अपने-अपने दांव पेच दिखाएं।

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