LOKSABHA ELECTION 2024 : रायबरेली से प्रियंका गांधी वाड्रा के चुनाव न लड़ने पर कौन है विकल्प
Loksabha election 2024 raebareli : लोकसभा इलेक्शन 2024 अपनी पूरी तैयारी पर है उत्तर प्रदेश की अति महत्वपूर्ण सीट रायबरेली जहां पर पिछले 20 सालों से सोनिया गांधी सांसद हैं अब जबकि सोनिया गांधी राज्यसभा से मनोनीत हो गई हैं तो इस स्थिति में रायबरेली लोकसभा 2024 में प्रियंका गांधी वाड्रा के लड़ने की पूरी उम्मीद बताई जा रही है क्योंकि यह सीट गांधी परिवार की परंपरागत सीट रही है लेकिन अगर सूत्रों की माने तो प्रियंका गांधी ने रायबरेली से चुनाव लड़ने के लिए मना किया है ऐसी स्थिति में रायबरेली से 2024 लोकसभा चुनाव के लिए विकल्प के तौर पर कौन उम्मीदवार हो सकता है डालते हैं एक नजर.
किशोरी लाल शर्मा
लोकसभा इलेक्शन 2024 अपने पूरे सबाब पर है उत्तर प्रदेश में यहां भारतीय जनता पार्टी ने पूरी तरह से अपनी पकड़ बना रखी है वही रायबरेली लोकसभा में तमाम कोशिशें के बावजूद भी भारतीय जनता पार्टी रायबरेली के किले को तोड़ने में नाकामयाब रही है अब जबकि रायबरेली की सांसद सोनिया गांधी राज्यसभा से मनोनीत हो गई है तो ऐसी स्थिति में विकल्प के तौर पर प्रियंका गांधी वाड्रा के नाम की चर्चा जोरों पर है लेकिन अगर सूत्रों की माने तो प्रियंका गांधी ने चुनाव लड़ने से मना किया है ऐसी स्थिति में सोनिया गांधी के वफादार लगातार जिले के कार्यभार को देखने वाले किशोरी लाल शर्मा प्रमुख दावेदार हो सकते हैं क्योंकि भारत जोड़ो न्याय यात्रा जब रायबरेली पहुंची तब राहुल गांधी के ठीक बगल में किशोरी लाल शर्मा को देखा गया इससे यह कयास लगाए जा सकते हैं की कांग्रेस रायबरेली से प्रियंका गांधी वाड्रा के न लड़ने की स्थिति में किशोरी लाल शर्मा को अपना प्रत्याशी बन सकती है क्योंकि किशोरी लाल शर्मा पिछले 20 वर्षों से लगातार जिले की हर गतिविधियों से वाकिब हैं और जोड़-तोड़ की राजनीति में भी महारत रखते हैं बदले हुए समीकरण में कांग्रेस के लिए चुनाव इतना आसान नहीं होगा क्योंकि समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता मनोज पांडे ने भी अपने पद से इस्तीफा देते हुए राजनीतिक गलियारों में सबको अचंभित किया है प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का गठबंधन है इस लिहाज से रायबरेली सीट कांग्रेस के खाते में आई है और यहां पर समाजवादी पार्टी कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी और रायबरेली कांग्रेस का गढ़ माना जाता है क्योंकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में इकलौती सीट रायबरेली में ही कांग्रेस जीतने में सफल रही है फिलहाल यह कयासों का दौर है आने वाले मार्च में यह तस्वीर साफ हो जाएगी की रायबरेली से गांधी परिवार या कौन होगा प्रत्याशी लेकिन एक चीज तो तय है कि यह चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है.
सुधा द्विवेदी
लोकसभा चुनाव 2024 नजदीक आ चुका है ऐसे में कई लोग पार्टी छोड़ रहे हैं और कई लोग पार्टी में आ भी रहे हैं ऐसी स्थिति में रायबरेली लोकसभा का चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के कई विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की जिसकी वजह से भारतीय जनता पार्टी आठ सीटे और समाजवादी पार्टी सिर्फ दो सीटों पर ही जीतने में कामयाब हुई समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता मनोज पांडे ने अपने पद से इस्तीफा देते हुए भारतीय जनता पार्टी को वोट किया और कयास लगाए जा रहे हैं कि वह जल्द ही भारतीय जनता पार्टी में शामिल भी हो जाएंगे मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लोकसभा 2024 में उनका भारतीय जनता पार्टी रायबरेली लोकसभा का प्रत्याशी भी बनाया जा सकता है उधर कांग्रेस लगातार सांसद रही सोनिया गांधी राज्यसभा से चयनित हो गई हैं ऐसे में गांधी परिवार से प्रियंका गांधी वाड्रा के चुनाव लड़ने की चर्चा जोरो पर है लेकिन अगर सूत्रों की माने तो प्रियंका गांधी वाड्रा ने चुनाव लड़ने से इनकार किया है ऐसी स्थिति में कांग्रेस किसी ब्राह्मण चेहरे को ही प्रत्याशी बना सकती है सरेनी विधानसभा से 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस प्रत्याशी सुधा द्विवेदी जो की जिले के सुप्रसिद्ध समाजसेवी मनोज द्विवेदी दादा श्री की पत्नी है उनका नाम भी सुर्खियों में है कांग्रेस सुधा द्विवेदी को अपना प्रत्याशी बना सकती है क्योंकि सुधा द्विवेदी सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेती रहती हैं और उनकी पहुंच सिर्फ सरेनी विधानसभा में ही नहीं बल्कि उसके पास हरचंदपुर विधानसभा ऊंचाहार विधानसभा और सदर विधानसभा में भी देखी जाती है सुधा द्विवेदी के पति मनोज द्विवेदी दादा श्री पिछले कुछ दिनों से पूरे जिले में सक्रिय दिखाई पड़ते हैं ऐसे में अंदर खाने क्या चल रहा है यह तो पता नहीं है लेकिन अगर सुधा द्विवेदी को लोकसभा 2024 में प्रत्याशी बनाया जाता है तो चुनाव काफी दिलचस्प होगा क्योंकि कांग्रेस को समाजवादी पार्टी का समर्थन है ऐसे में चुनाव में एक बड़ा वोट बैंक कांग्रेस के पक्ष में पहले से ही जुड़ा दिखाई देता है इसके अलावा मनोज द्विवेदी दादा श्री हर जाति वर्ग में अपनी पकड़ बनाने में सफल रहे हैं और उनका नाम भी काफी विख्यात व्यक्तियों में दिया जाता है मुख्य रूप से उनकी चर्चा गरीब कन्याओं के विवाह करने के लिए जानी जाती है आने वाला वक्त बताएगा कि कांग्रेस की तरफ से प्रत्याशी कौन होगा और भारतीय जनता पार्टी रायबरेली किले को ध्वस्त कर पाती है या नहीं फिलहाल तो बढ़त कांग्रेस के पास ही है
खबर राजनीतिक सूत्रों के हवाले से