रात में रैम्बो और रंगीन परछाई देखकर गदगद हुए ‘नन्हे साइंटिस्ट’
रायबरेली। एसजेएस पब्लिक स्कूल में रविवार देर शाम ‘ग्लिटरिंग ऐस्पेक्ट ऑफ साइन्स’ शो का आयोजन किया गया। इस शो में कक्षा सात के सभी छात्र और उनके अभिभावक मौजूद रहे। शो में ‘रिफ्लेक्शन ऑफ लाइट’ को प्रयोग के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। इस शो के माध्यम से बच्चों ने न केवल रिफ्लेक्शन ऑफ लाइट बल्कि साइंस के अन्य सूत्रों और परिकल्पनाओं को खुद प्रयोग करके सीखा।
संस्थान के रिसोर्स पर्सन और फिज़िक्स के शिक्षक निहाल सिंह में प्रयोग के माध्यम से साइन्स से जुड़ी अवधारणाओं को बच्चों को आसान भाषा मे समझाया।
सामान्यतः हमारी परछाई हमेशा काली होती है लेकिन बच्चों ने प्रयोग के माध्यम से रंगीन परछाई भी देखीं।आग का रंग हमेशा पीला होता है लेकिन बच्चों ने आज साईस शो में लाल और हरे रंग की आग देखी। जो रैम्बो बरसात के मौसम में दिन के उजाले में दिखता था उसे बच्चों ने रात में देखा ।
साइन्स के प्रयोगों को देखकर बच्चों ने दांतो तले उंगली दबा ली।ऑप्टिकल कंपोनेंट ‘डिफरेक्शन ग्रेटिंग’ के जरिये बच्चों ने रैम्बो देखा। फायर वोर्टेक्स के जरिये बच्चो को बताया गया कि जंगल मे आग किस तरह से फैलती है। प्रयोगों के माध्यम से बच्चों ने विज्ञान के तमाम नियमों को सीखा और खुद प्रयोग करके तमाम परिकल्पनाओं को समझा।
छात्रा ज़हरा रहमान ने कहा कि आज यहां पर आकर के बहुत अच्छा लगा। विज्ञान के तमाम नियमों को हमने खुद प्रयोग करके सीखा है।
अपनी बेटी के साथ इस शो को देखने आई सदीबा रहमान ने बताया कि आज इस शो को देखकर साइंस के तमाम नियम अब समझ में आए हैं। आज शो को देखने के बाद हमें लगा कि विज्ञान वाकई में करके सीखने वाला विषय है।
एसजेएस ग्रुप ऑफ स्कूल के चेयरमैन रमेश बहादुर सिंह ने कहा कि बच्चों का उद्देश्य साइंस को केवल पढ़ कर के नंबर पाना नहीं होना चाहिए बल्कि बच्चों को जिज्ञासु होना चाहिए। अगर बच्चे जिज्ञासु होंगे तो वह वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएंगे और वैज्ञानिक दृष्टिकोण बच्चों को कहीं भी ले जा सकता है। बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के उद्देश्य से साइंस शो का आयोजन किया गया था इससे बच्चों ने प्रयोग करके तमाम नियमों को खुद सीखा और समझा।
इसी धारणा पर आधारित एक साइंस लैब स्कूल में स्थापित की गई है जिसे स्पेसवॉक नाम दिया गया है। जिसमें साइंस से जुड़े तमाम प्रयोगों, तमाम नियमों को प्रयोगों के माध्यम से समझाया गया है। कार्यक्रम का संचालन स्पोर्ट्स ऑफिसर प्रमोद सक्सेना ने किया।
दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी