रायबरेली लोकसभा 2024

कोरोना कॉल में गायब रहने वाले नेता रायबरेली लोकसभा 2024 के चुनाव के मुख्य दावेदार ?

Election 2024  : देश में 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर है उत्तर प्रदेश में भगवान श्री राम अपने स्थान पर विराजमान हो गए हैं राम मंदिर को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच में तीखी नोक झोक भी देखने को मिल रही है लेकिन अगर बात उत्तर प्रदेश की करें तो पूरी तरह राममय माहौल देखने को मिल रहा है इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी काफी उत्साहित भी दिख रही है प्रत्याशी अपना अपना दावा मजबूत करने में लगे हुए हैं ऐसे में VIP सीट रायबरेली भी चर्चा में बनी हुई है 20 सालों से लगातार कांग्रेस के लिए यह सीट लगातार अपराजेय बनी हुई है जिसको जीतने के लिए भारतीय जनता पार्टी लगातार कोशिश कर रही है ऐसे में 2019 में लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले दिनेश प्रताप सिंह ने सोनिया गांधी को अच्छी टक्कर दी थी इस समय वह प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार हैं लेकिन यहां सवाल यह है कि देश में 2019-20 में महामारी कोरोना के रूप में आई और हर व्यक्ति जो भी जिस लायक था मदद करने के लिए आगे आया चाहे वह व्यापारी हो चाहे वह किस हो समाजसेवी हो सभी ने बढ़-चढ़कर सहयोग किया लेकिन जब जरूरत नेताओं की थी तो वह कहीं भी दिखाई नहीं दिया और आज टिकट के दावेदारी में अपना नाम जोड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं एक विश्लेषण

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अजय अग्रवाल अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट

2014 में देश में मोदी लहर का माहौल था ऐसे में रायबरेली संसदीय सीट से भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व ने सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अजय अग्रवाल को सोनिया गांधी के मुकाबला चुनाव में उतारा उसके बाद अजय अग्रवाल ने भी चुनाव प्रचार में अपना पूरा दम दिखाया और सोनिया गांधी के खिलाफ एक सम्मानजनक वोट पाने में सफल रहे यह बात अलग है की जीत का अंतर लाखों में ही था लेकिन फिर भी वह एक सम्मानजनक वोट पाने में जरुर सफल हुए 2019 में लोकसभा चुनाव में उन्होंने पुनः भारतीय जनता पार्टी के सामने रायबरेली संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी बनाए जाने की पुरजोर कोशिश की लेकिन उनको पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो उन्होंने कांग्रेस को वोट देने की बात कही और नरेंद्र मोदी को धोखेबाज ही कह कर अपने बयान में कहा और साथ ही यह भी कहा कि बनारस से चुनाव जीत ना उनके लिए बहुत मुश्किल होगा यही नहीं जब लोग कोरोना जैसी महामारी बढ़-चढ़कर मदद कर रहे थे तो अजय अग्रवाल अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट उन्होंने लोगों के हाल-चाल जानना भी उचित नहीं समझा ना कोई मदद देना भी जरूरी समझा शायद उनको लगा होगा कि अब रायबरेली से कभी भी चुनाव लड़ने की बात नहीं होगी हलाकि सूत्रों की माने तो स्वास्थ्य भी काफी खराब रहा है लेकिन लोगों का यह भी कहना है कि वह चाहते तो कुछ मदद तो लोगों की जरूर कर सकते थे अब जबकि 2024 लोकसभा नजदीक है तो एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अजय अग्रवाल सक्रिय हो गए हैं और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नेताओं के साथ एक टीम का भी गठन किया है और वह मीडिया के साथ-साथ कार्यक्रमों में भी सक्रिय दिखाई दे रहे हैं अपना नाम न छापने की शर्त पर एक भाजपा के बड़े नेता ने कहा की वर्तमान संगठन के संपर्क में अजय अग्रवाल कतई नहीं है फिर उनको मुख्य दावेदार कैसे कहा जा सकता है खैर यह तो आने वाला समय ही बताएगा की लोकसभा रायबरेली से 2024 में कौन प्रत्याशी होगा और सोनिया गांधी को कितना टक्कर देगा लेकिन उनके साथ यह बातें भी अवश्य ही जोड़ी जाएंगी.

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राघवेंद्र सिंह पूर्व राज्यसभा सांसद 

लोकसभा चुनाव 2024 के नजदीक आते ही कई प्रत्याशी सक्रिय हो गए हैं जो लोकसभा रायबरेली से चुनाव लड़ने का सपना देख रहे हैं उनमें से एक हैं पूर्व राज्यसभा सांसद राघवेंद्र सिंह वैसे पब्लिक में इनकी कोई विशेष चर्चा तो नहीं है ना ही वह काफी सक्रिय दिखाई देते हैं लेकिन फोल्डिंग बैनर के माध्यम से अपने को दावेदार की लिस्ट में जोड़ते हुए जरूर नजर आ रहे हैं 2019 और 20 में जब देश में कोरोना की भारी महामारी देश में थी उसे समय माननीय नेताजी रायबरेली की जनता को मदद करना तो दूर हाल-चाल लेना भी उचित नहीं समझा शायद उनको तब यह ना पता रहा होगा कि रायबरेली से 2024 का लोकसभा चुनाव भी लड़ने का कोई इरादा है वह भी भारतीय जनता पार्टी के पूर्व पदाधिकारी के साथ अपनी दावेदारी को आगे बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं लेकिन उनकी दावेदारी कितनी आगे बढ़ेगी यह तो आने वाला वक्त बताएगा फिलहाल जनता के बीच में उनकी चर्चा बहुत ज्यादा दिखाई नहीं देती है.

राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार दिनेश प्रताप सिंह

लोकसभा 2024 चुनाव में रायबरेली की अप्रत्याशित की बात की जाए तो दिनेश प्रताप सिंह मजबूत दिखाई देते हैं पिछले चुनाव में उन्होंने सोनिया गांधी को काफी अच्छी टक्कर भी दी थी और जीत का अंतर भी काफी कम रह गया था वर्तमान में राज्य सरकार में वह राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार हैं और जिले में बहुत ज्यादा सक्रिय रहते हैं हर छोटे बड़े कार्यक्रम में उनका प्रतिनिधित्व देखने को मिलता है लेकिन सूत्रों की माने तो एक सर्वे की बात भी सामने आ रही है जिसमें उनको चुनाव से दूर रहने की भी बात की जा रही है कारण चाहे जो भी हो लेकिन इसके बाद भी उनकी दावेदारी को काम करके नहीं आंका जा सकता है आने वाले समय में यह पता चलेगा की दिनेश प्रताप सिंह की दावेदारी कितनी मजबूत है क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में उनके भाई राकेश सिंह हरचंदपुर विधानसभा से चुनाव लड़े थे और वह भारतीय जनता पार्टी के सिंबल पर ही लड़े थे उनको समाजवादी पार्टी के राहुल लोधी ने 15000 से अधिक वोटो से हराया था ऐसे में भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व उनको कितना महत्व देता है यह आने वाले दिनों में पता चलेगा.

सत्य प्रकाश पांडे

लोकसभा 2024 चुनाव रायबरेली के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां पर भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस के किले को ध्वस्त करने की रणनीति बना रही है ऐसे में सत्य प्रकाश पांडे भी अपनी तैयारी में जुटे हुए हैं वह दो बार हरचंदपुर विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी के सिंबल पर चुनाव भी लड़ चुके हैं हालांकि उनका सफलता नहीं मिली 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा था और दिनेश प्रताप सिंह के भाई राकेश सिंह कांग्रेस की टिकट पर हरचंदपुर विधानसभा से चुनाव लड़े थे उनका साथ सत्य प्रकाश पांडे ने दिया था सूत्रों की माने तो राकेश सिंह और कंचन लोधी कंचन लोधी जो भाजपा की प्रत्याशी थी वर्तमान विधायक राहुल लोधी की पत्नी है उनके और राकेश सिंह के बीच में नजदीकी लड़ाई हुई थी राकेश सिंह की जीत का श्रेय सत्य प्रकाश पांडे को दिया जाता है हालांकि अब वह कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी के साथ हैं और वह लगातार लोगों से मिलकर अपनी दावेदारी को मजबूत करते हुए दिखाई देते हैं उनको प्रत्याशी बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने तत्व कितना महत्व देता है यह तो आने वाले समय में पता चलेगा लेकिन जिले में 13% ब्राह्मण मतदाता होने के कारण किसी ब्राह्मण को लड़ने की भी चर्चा जोरों पर है लेकिन वह ब्राह्मण चेहरा कौन होगा यह असमंजस अभी भी बना हुआ है.

प्रमोद मौर्या पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतापगढ़

लोकसभा चुनाव 2024 रायबरेली की दावेदारी में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतापगढ़ प्रमोद मौर्या भी अपना दावा ठोक रहे हैं वह बसपा की सरकार में प्रतापगढ़ से जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुके हैं और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के भतीजे बताए जाते हैं वह भी होल्डिंग्स और बैनर के माध्यम से लोकसभा 2024 रायबरेली के लिए अपनी दावेदारी दिख रहे हैं हालांकि उनके यहां पर कोई जनाधार नहीं है ना ही पब्लिक के बीच में उनका कोई विशेष आवागमन है फिर भी वह अपने दावेदारी मजबूत बताने में पीछे नहीं रहते उनका कहना है कि इस बार रायबरेली लोकसभा 2024 में भारतीय जनता पार्टी किसी पिछड़ी जाति के ही प्रत्याशी को मैदान में उतरेगी लेकिन भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व क्या कुछ करेगा इसके बारे में कुछ भी तस्वीर अभी तक सामने नहीं आई है लेकिन यह निश्चित है की इन दावेदारों ने रायबरेली में राजनीतिक पारा जरूर बढ़ा दिया है और प्रत्याशी कोई भी हो लेकिन चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी की चर्चा जोर-जोर से हो रही है.
वही जब इस बारे में भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी में ऐसा कुछ भी नहीं है पार्टी है पार्टी के कार्यकर्ता है वह अपने स्तर से क्या कहते हैं वह खुद जाने उनसे किसकी बात हो रही है हमें कुछ भी पता नहीं है जब प्रदेश नेतृत्व हमें जो आदेश देगा वह हम करेंगे और आप लोगों को बताएंगे.

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