Kajari Teej 2022 Shubh Muhurat LIVE Updates: रविवार को है कजरी तीज, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
Kajari Teej 2022 shubh muhurat LIVE Updates: कजरी तीज का व्रत 14 अगस्त को है। हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर हर वर्ष कजरी तीज का त्योहार मनाया जाता है. यह त्यौहार उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार समेत हिंदी भाषी क्षेत्रों में प्रमुखता से मनाया जाता है. इनमें से कई इलाकों में कजरी तीज को बूढ़ी तीज व सातूड़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है. हरियाली तीज, हरतालिका तीज की तरह कजरी तीज भी सुहागन महिलाओं के लिए अहम पर्व है.
इन शुभ योगों में मनाई जाएगी तीज
ज्योतिषीयों के अनुसार कजरी तीज का पर्व सुकर्मा योग और सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा. इस दिन सुकर्मा योग का आरंभ सुबह से लेकर देर रात 01 बजकर 38 मिनट तक रहेगा. वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग भी रात 09 बजकर 56 मिनट से लेकर अगले दिन 15 अगस्त तक प्रातः 5 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. ये दोनों ही योग पूजा-पाठ के लिहाज से शुभ माने जाते हैं. बता दें कि इस दिन कजरी तीज का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 59 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक रहेगा.
कजरी तीज का महत्व
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी पार्वती भगवान शिव से शादी करना चाहती थीं, और उन्होंने अपनी इच्छा पूरी करने के लिए घोर तपस्या की. ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है. कजरी तीज के दिन महिलाएं निर्जला व्रत भी रखती हैं और अपने पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं. महिलाएं विभिन्न अनुष्ठानों और परंपराओं के बीच नीम के पेड़ की पवित्र पूजा भी करती हैं. इसके अतिरिक्त, अविवाहित महिलाएं मनचाहे जीवनसाथी की कामना के लिए तीज व्रत का पालन कर सकती हैं.
कजरी तीज 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त
कजरी तीज 2022 तिथि: 14 अगस्त 2022, रविवार
तृतीया तिथि आरंभ: 14 अगस्त, प्रातः 12:53 से
तृतीया तिथि समाप्त: 14 अगस्त, रात्रि 10:35 पर
कजरी तीज पर करें ये काम
विवाहित महिलाएं इस दिन दुल्हन की तरह तैयार होकर देवी पार्वती और शंकर जी की पूजा करती हैं तो उन्हें अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है. इस दिन सोलह श्रृंगार कर पूजा करना चाहिए.
- तीज पर महिलाएं पूजा पाठ के बाद लोकगीत जरूर गाएं. इससे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा आती है.
- तीज पर झूला झूलने की परंपरा सदियों से चली आ रही है.
कजरी तीज व्रत नियम
यह व्रत निर्जला रहकर किया जाता है. हालांकि गर्भवती स्त्रियां फलाहार रहकर कर सकती हैं. अगर चांद उदय होते नहीं दिख पाए तो रात में लगभग साढ़े 11 बजे आसमान की ओर अर्घ्य देकर व्रत को खोला जा सकता है.
कजरी तीज पूजा और शुभ योग
इस बार कजरी तीज पर कई शुभ योग बन रहे हैं. कजरी तीज के दिन सु्कर्मा योग और सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे शुभ योग बन रहे हैं. कजरी तीज पर पूजा का शुभ मुहूर्त 14 अगस्त को सुबह 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 52 मिनट तक रहेगा.
कल है कजरी तीज
इस साल कजरी तीज 14 अगस्त 2022, रविवार को मनाई जाएगी
कजरी जीत शुभ मुहूर्त
अगस्त 14, 2022 को 00:55:17 से तृतीया आरम्भ
अगस्त 14, 2022 को 22:37:32 पर तृतीया समाप्त
इन शुभ योगों में मनाई जाएगी तीज
ज्योतिषीयों के अनुसार कजरी तीज का पर्व सुकर्मा योग और सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा. इस दिन सुकर्मा योग का आरंभ सुबह से लेकर देर रात 01 बजकर 38 मिनट तक रहेगा. वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग भी रात 09 बजकर 56 मिनट से लेकर अगले दिन 15 अगस्त तक प्रातः 5 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. ये दोनों ही योग पूजा-पाठ के लिहाज से शुभ माने जाते हैं. बता दें कि इस दिन कजरी तीज का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 59 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक रहेगा.
कजरी तीज शुभ योग 2022
इस बार कजरी तीज पर कई शुभ योग बन रहे हैं. कजरी तीज के दिन सु्कर्मा योग और सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे शुभ योग बन रहे हैं. कजरी तीज पर पूजा का शुभ मुहूर्त 14 अगस्त को सुबह 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 52 मिनट तक रहेगा.
कजरी तीज पूजा विधि
इस दिन अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं. इस दिन शुभ मुहूर्त में मिट्टी से मां पार्वती और भगवान शिव की मूर्ति बनाई जाती है. एक चौकी पर पीला और लाल रंग का कपड़ा बिछा कर मां पार्वती और भगवान शिव को स्थापित किया जाता है. उसके बाद भगवान शिव को गंगाजल, गाय का दूध, बेलपत्र, भांग, धतूरा, सफेद फूल, फल, चंदन, शहद, धूप, दीप आदि अर्पित किया जाता है.
कजरी तीज पर सुहागिन स्त्रियां करें खास काम
विवाहित महिलाएं इस दिन दुल्हन की तरह तैयार होकर देवी पार्वती और शंकर जी की पूजा करती हैं तो उन्हें अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है. इस दिन सोलह श्रृंगार कर पूजा करना चाहिए.
- तीज पर महिलाएं पूजा पाठ के बाद लोकगीत जरूर गाएं. इससे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा आती है.
- तीज पर झूला झूलने की परंपरा सदियों से चली आ रही है.
कजरी तीज 2022 तिथि और मुहूर्त
हिंदू पंचाग के अनुसार कजरी तीज का पर्व कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाएगा. इस दिन तृतीया तिथि का आरंभ 13 अगस्त देर रात 12 बजकर 53 मिनट पर होगा और 14 अगस्त रात 10 बजकर 35 मिनट तक रहेगी. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर कजरी तीज 14 अगस्त के दिन मनाई जाएगी.
कजरी तीज पूजा विधि
इस दिन अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं. इस दिन शुभ मुहूर्त में मिट्टी से मां पार्वती और भगवान शिव की मूर्ति बनाई जाती है. एक चौकी पर पीला और लाल रंग का कपड़ा बिछा कर मां पार्वती और भगवान शिव को स्थापित किया जाता है. उसके बाद भगवान शिव को गंगाजल, गाय का दूध, बेलपत्र, भांग, धतूरा, सफेद फूल, फल, चंदन, शहद, धूप, दीप आदि अर्पित किया जाता है.
पति की नौकरी के लिए उपाय
ज्योतिष के अनुसार, यदि तमाम कोशिशों के बाद भी आपके जीवनसाथी को नौकरी नहीं मिल रही है तो कजरी तीज की शाम सरसों के तेल का दीपक शनि मंदिर में जलाएं. इस उपाय से बेरोजगारी की समस्या दूर होगी.
कजरी तीज 2022 (Kajari Teej 2022) शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार कजरी तीज भाद्रपद में कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि 13 अगस्त, शनिवार की देर रात 12 बजकर 53 मिनट से शुरू हो रही है. वहीं तृतीया तिथि की समाप्ति 14 अगस्त, रविवार को रात 10 बजकर 35 मिनट तक है.
कजरी तीज पर होने वाली परंपरा
1. इस दिन सुहागन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए कजली तीज का व्रत रखती हैं जबकि कुंवारी कन्याएं अच्छा वर पाने के लिए यह व्रत करती हैं.
2. कजरी तीज पर जौ, गेहूं, चने और चावल के सत्तू में घी और मेवा मिलाकर तरह-तरह के पकवान बनाये जाते हैं। चंद्रोदय के बाद भोजन करके व्रत तोड़ते हैं.
3. इस दिन गायों की विशेष रूप से पूजा की जाती है. आटे की सात लोइयां बनाकर उन पर घी, गुड़ रखकर गाय को खिलाने के बाद भोजन किया जाता है.
4. कजली तीज पर घर में झूले डाले जाते हैं और महिलाएं एकत्रित होकर नाचती-गाती हैं.
5. इस दिन कजरी गीत गाने की विशेष परंपरा है. यूपी और बिहार में लोग ढोलक की थाप पर कजरी गीत गाते हैं.
कजरी तीज व्रत नियम
यह व्रत निर्जला रहकर किया जाता है. हालांकि गर्भवती स्त्रियां फलाहार रहकर कर सकती हैं. अगर चांद उदय होते नहीं दिख पाए तो रात में लगभग साढ़े 11 बजे आसमान की ओर अर्घ्य देकर व्रत को खोला जा सकता है.