Jagannath Rath Yatra 2023: किस तिथि को की जाती है जगन्नाथपुरी की पूजा

Jagannath Rath Yatra 2023 : जगन्नाथपुरी की पूजा हिंदू धर्म में जगन्नाथ पुरी की बहुत बड़ी महानता है जगन्नाथपुरी की पूजा अर्चना का बहुत बड़ा महत्व है इसे बरकत का बहुत बड़ा आधार माना जाता है और चैत्र माह में किसी सोमवार को जगन्नाथ स्वामी की पूजा कर सकते हैं और जगन्नाथ स्वामी की पूजा वही कर सकता है जो व्यक्ति के घर से कोई ना कोई एक व्यक्ति का जगरनाथ पुरी दर्शन करने के लिए गया हो जगन्नाथपुरी आस्था और विश्वास का प्रतीक माना जाता है आप जितना विश्वास करेंगे उतना अच्छा फल प्राप्त होगा हैं कहा जाता है कि जगन्नाथ पुरी के समुद्र का पानी आप लाकर के घर में पूजा पाठ के दिन प्रयोग कर सकते हैं.

अगर जगन्नाथपुरी की पूजा करते हैं तो उस दिन आप उस जल से कढ़ी भी बना सकते हैं वही कढ़ी आप खा भी सकते हैं इसे परिवार सहित खा सकते हैं क्या सामग्री लगती है.

जगन्नाथ स्वामी के पूजन में सामग्री

गेहूं का आटा चीनी गुड़ टेसू के फूल कुसुम के फूल आम का पल्लव सात आम कच्चे आमों का गुच्छा गेहूं की बालियां लाल चंदन धूपबत्ती हवन भी गुड़ जगन्नाथ बाबा वाले दो लोटे अगर आपके पास लोटे ना हो तो कुम्हार के घर से दो छोटे-छोटे घड़े ले आए गेहूं आदि कैसे की जाती है जगन्नाथ स्वामी की पूजा जगन्नाथ स्वामी पूजा के लिए सुबह से नहा धोकर के बाल धो करके नहा ले उसके बाद पूड़ी पुआ गुझिया गेहूं से गुड़ धनिया आटे का हलवा यह सब चीजें घी से ही बनेंगी इसके बाद आप सारी सामग्री इकट्ठा करके यथा स्थान पर रख ले पूजा के स्थान पर भी रख सकते हैं और उसके बाद एक पाटा धुले उसके ऊपर लाल रंग का कपड़ा बिछा दे उसके उपर जगन्नाथ स्वामी की प्रतिमा को गीले कपड़े से पोंछ ले फिर जगन्नाथ स्वामी उसके ऊपर विराजमान कर दे फिर आप जो जगन्नाथ स्वामी के बेंत होते हैं उनको एक थाली में धुलकर जगन्नाथ स्वामी के बगल में खड़ा कर दें तत्पश्चात जो बेंत धुले हैं उनका पानी घर के सभी दिशाओं में छिड़क दें और सभी वस्तुओं में छिड़क दे बचा हुआ पानी फेंकना नहीं चाहिए उसके बाद आप कलश रखे कलश के ऊपर आम का पल्लव और चावल से भरी कटोरी रखें फिर उसके ऊपर एक दीपक जला दे उसके बाद जगन्नाथ बाबा के लिए हम जो दो लोटे रखे हैं उनमें एक में पूड़ी और एक में गुझिया और पुआ भरना है.

Jagannath Rath Yatra 2023

उसके बाद थोड़ी-थोड़ी गुड़ धनिया डालकर के उन लोटो को बंद कर देना है और उन लोटो को उस दिन नहीं खोलना है उसको दूसरे दिन खोलना है और वह प्रसाद परिवार सहित आप आस पास के लोगों को भी दे सकते हैं और जो गेहूं भुने हैं उनमें गुड़ मिलाकर को गुड़ धनिया बना ले दोनों लोटो में थोड़ी थोड़ी गुड़ धनिया डाल दे उसके बाद जगन्नाथ स्वामी के ऊपर जल छिड़क दे उस के बाद धूप दीप जलाए उसके साथ कच्चे आमों वाला गुच्छा चढ़ाएं उसके बाद गेहूं की बालियां टेसू के फूल कुसुम के फूल पर चंदन लगाएं और पूरी पुआ गुजिया गुड़ धनिया हलवा आदि चढ़ाकर कथा कहानी कहे उसके बाद यह प्रसाद सभी लोगों को बांट दे और प्रसाद को सभी परिवार के लोगों सहित खाएं उसके बाद यह प्रसाद जो व्यक्ति जगन्नाथ स्वामी की पूजा कर रहा है वह भी उस दिन नमक नहीं खा सकता है उसे नमक नहीं खाना है और पूजा करने के बाद अपने घर के सभी सदस्यों को पांच-पांच बेंत मरना है जिससे कि हमारे सारे पाप दोष खत्म हो जाए नष्ट हो जाए और जगन्नाथ स्वामी जी का प्रसाद आप अपने पड़ोसियों को भी बांटे और जो गुड़ धनिया है उसे आप लाल कपड़े में बांधकर अपने अनाज वाले बर्तन और अपने धन रखने वाले स्थान पर भी रखे क्योंकि पहले के लोग कहते थे कि क्या जगन्नाथ स्वामी की सीत है जो कभी खत्म ही नहीं होते हैं उसी तरह यह सीत रूपी गुड़ धनिया है जो बरकत का रूप माना जाता है इसे चैत्र या फिर आषाढ़ महीने में भी कर सकते हैं.

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