बाराबंकी : अपराध की दुनियां से सम्बंध रखने वाले बंदियों में भी अब बदलाव देखनें को मिल रखा है अपराध की दुनिया से दूर होकर समाज में सकारात्मक संदेश के साथ रहने के लिए जेल में कम्प्यूटर का प्रशिक्षण ले रहे है ताकि वह जेल से बाहर निकले तो उन्हें रोजगार के प्रबल सम्भावना हो सके। इसी कड़ी में बंदियों में कम्प्यूटर कोर्स के प्रति जिज्ञासा बढ़ रही है जेल परिसर में “निमदस” संस्था के सहयोग से नेशनल कम्प्यूटर ट्रेनिंग सेंटर के माध्यम से बंदियों को कम्प्यूटर प्रशिक्षण कराया जा रहा है। जिनमें प्रशिक्षण प्राप्त 15 बंदियों को जेल अधीक्षक कुन्दन कुमार द्वारा प्रमाण-पत्र वितरित किये गये। उन्होने कहा कि यह प्रशिक्षण भविष्य में बंदियों के काम आयेगा। जिसके जरिये वह अपनी आजीविका चला सकेगें। उन्होेने सहयोगी संस्था का आभार व्यक्ति किया। वहीं संस्था के प्रबन्ध-निदेशक एसके वर्मा कहा कि जेल में बंदी सुधार एवं कल्याण के कार्यक्रम 22 वर्षो से संस्था द्वारा समय.समय पर किये जाते रहे है और भविष्य में भी इसी प्रकार जारी रहेंगे।
जेलर आलोक कुमार शुक्ला ने कहा यह हुनर भविष्य में इन्हें काफी काम आयेगा और आत्मनिर्भर बनकर जब कारागार से बाहर निकलेगें तो इस हुंनर के माध्यम से अपना व अपने परिवार का भारण-पोषण कर सकेगें और समाज की मुख्यधारा से जुडकर अपराध की दुनिया से दूर रहेगें। इस अवसर पर उप कारापाल रन्जू शुक्ला, श्यामाचरण सिंह, मनीस सिंह, कुसुम, कुलदीप दास व बंदीगण उपस्थित रहे।