1710 महिलाओं की जांच में 190 उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली चिन्हित
रिपोर्ट – उपेन्द्र शर्मा
- प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर हुई गर्भवती की निःशुल्क जांच
- 1710 महिलाओं की जांच में 190 उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली चिन्हित
बुलंदशहर, 10 नवंबर 2022। जनपद में हर महीने की नौ तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस आयोजित किया जाता है। बुधवार को जनपद के समस्त स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती की ब्लड प्रेशर, वजन, हीमोग्लोबिन व पेट की निशुल्क जांच की गई। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर जनपद में उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली 190 गर्भवती चिन्हित हुईं हैं। इन सभी को उच्च चिकित्सा केन्द्रों पर रेफर किया गया है, जिसमें उन्हें समय से बेहतर इलाज मिल सके।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. विनय कुमार सिंह ने बताया नौ नवंबर को जनपद के जिला अस्पताल सहित 28 शहरी व ग्रामीण चिकित्सा केन्द्रों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें 1710 गर्भवती की ब्लड प्रेशर, वजन, हीमोग्लोबिन व पेट की जांच निशुल्क की गई। उन्होंने कहा- सभी गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच होना आवश्यक है, जिससे समय पर जोखिम की पहचान कर मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके। कार्यक्रम में गर्भवती को सही खान-पान के बारे में जानकारी दी गयी, जिससे जच्चा बच्चा सुरक्षित रह सके।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुनील कुमार सिंह ने बताया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस (पीएमएसएमए) दिवस के तहत गर्भवती को बेहतर सुविधा देना विभाग का लक्ष्य है। उन्होंने कहा स्वास्थ्य इकाइयों तक आने वाली अधिकतर गर्भवती संसाधन विहीन, वंचित समुदाय से तथा दूर दराज के गांवों से आती हैं। अतः प्रयास किया जाता है कि आने वाली समस्त गर्भवती को उसी दिन सभी जाँच (ब्लड टेस्ट, ब्लड प्रेशर, यूरिन टेस्ट, हीमोग्लोबिन, अल्ट्रासाउंड) निःशुल्क प्रदान की जायें, जिससे उन्हें बार-बार स्वास्थ्य इकाई पर न आना पड़े। यदि सम्बन्धित चिकित्सालय पर कोई जाँच उपलब्ध नहीं है, तो उच्च स्तरीय इकाई पर संदर्भित कर निःशुल्क सेवा प्रदान की जाती है।
गर्भावस्था व प्रसव के समय होने वाले जोखिम से मां एवं शिशु को बचाने के लिए प्रसव पूर्व जांच होना बहुत जरूरी है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस के तहत सीएचसी पहासू पर गर्भवती की जांच की गई। उन्होंने बताया गर्भावस्था में जब जटिलताओं की संभावना अधिक होती है तो, उस गर्भावस्था को हाई रिस्क प्रेगनेंसी ( उच्च जोखिम वाली गर्भवस्था) में रखा जाता है और इसका पता लगाने के लिए प्रशिक्षित चिकित्सक के द्वारा प्रसव पूर्व सम्पूर्ण जांच कराना बहुत जरूरी होता है। उन्होंने बताया आशा कार्यकर्ताओं की ज़िम्मेदारी है कि वह अपने क्षेत्र की सभी गर्भवती को इस दिवस पर केंद्र पर लाकर उनकी जांच करवाएं।
जिला परामर्शदाता मातृ स्वास्थ्य हिमांशू सचदेवा ने बताया जनपद में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर 28 स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं की जांच की गई है। इस कार्यक्रम में दूसरी व तीसरी तिमाही की गर्भवती पर फोकस किया जाता है। जांच के उपरांत उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली गर्भवती को चिन्हित किया जाता है। उनकी स्थिति के हिसाब से उन्हें उच्च स्वास्थ्य केन्द्र पर रेफर किया जाता है। इस बार जनपद में 190 गर्भवती उच्च जोखिम गर्भवस्था वाली चिन्हित की गयीं।