मारीशस गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम पृथ्वीराजसिंह रूपन ने किया डॉक्टर सविता चड्डा की पुस्तक का लोकार्पण
- डाँ सविता चडढा को अंतरराष्ट्रीय साहित्य सम्मेलन मॉरीशस में मिला, राष्ट्र गौरव साहित्यिक सम्मान
मॉरीशस: विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरीशस में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय साहित्य सम्मेलन में भारत से सहभागिता कर रही डॉ सविता चड्ढा को राष्ट्रीय गौरव साहित्यिक सम्मान से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मारीशस गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम पृथ्वीराजसिंह रूपन ने सविता चड्डा की सद्दय प्रकाशित कृति “दशरथ महल” का लोकार्पण भी किया। इस अवसर पर विश्व हिंदी सचिवालय की महासचिव डॉ माधुरी रामधारी जी एवं मॉरीशस के उच्चाधिकारियों के साथ-साथ महामहोपाध्याय, आचार्य इंदु प्रकाश मिश्रा, ज्योतिषाचार्य की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय रही ।
भारत के साहित्यकार के लिए यह बहुत ही गौरव के पल थे। डॉक्टर सविता चडढा ने इस दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय हिंदी साहित्य सम्मेलन में सहभागिता करते हुए “हिंदी साहित्य में कहानी की भूमिका” पर अपना शोध पत्र भी प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर सामाजिक सरोकारों से संबंध आईपी फाउंडेशन की अध्यक्षा डॉ स्मिता मिश्रा ने डॉ सविता चड्डा के उज्जवल भविष्य की कामना की और उन्हें हिंदी साहित्य के क्षेत्र में किए गए रचनात्मक एवं सृजनात्मक कार्य, भारतीय संस्कृति को अक्षुण्य रखने में आपके प्रशंसनीय कार्यों की सराहना करते हुए राष्ट्र गौरव साहित्यिक सम्मान अर्पण किया।
उल्लेखनीय है कि श्रीमती सविता चड्डा पिछले चार दशकों से निरंतर लेखन कार्य कर रही हैऔर विभिन्न विषयों पर उनकी अब तक 50 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है । लेखिका को 1995 में मैसूर प्रचार परिषद के द्वारा हिंदी सेवी सम्मान भी दिया जा चुका है ।
डाँ सविता चड्ढा को पिछले वर्ष हरियाणा साहित्य अकादमी से हरियाणा गौरव सम्मान मिला है इसके अलावा उन्हें देश भर से साहित्य सृजन के लिए अनेक सम्मान प्राप्त हो चुके हैं साहित्य की कई विधाओं की लेखिका डॉ सविता चड्ढा साहित्य सृजन के साथ-साथ समाज सेवा में भी कई दशकों से कार्य कर रही हैं ।
डॉ. सविता चड्ढा एक संवेदनशील और जागरूक लेखक हैं जिन्होंने साहित्य की विभिन्न विधाओं में लिखकर अपने विशिष्ट पहचान बनाई है। 28 अगस्त, 1953 को जन्मी श्रीमती सविता चड्ढा ने उच्च शिक्षा प्राप्त की है। एम. ए. अंग्रेजी, एम. ए. हिंदी, के साथ-साथ आपने पत्रकारिता, विज्ञापन और जनसंपर्क में डिप्लोमा और दो वर्षीय कमर्शियल प्रैक्टिस डिप्लोमा, प्रथम डिवीजन में विशेष योग्यता के साथ पास किया है।
जहां आपका लेखन बहुआयामी है वहीं आपकी 8 बाल कहानियां एनसीआरटी दवारा पाठ्यक्रम में चयनित हैं। आपकी लिखित तीन कहानियों पर टेलीफिल्म निर्माण हो चुका है और कई कहानियों पर नाटक मंचन हो चुका है। आप 60 से अधिक कहानियां आकाशवाणी पर पढ़ चुके हैं , वहीं कक्षा 6 ,7 ,8 के पाठ्यक्रम में भी आपकी तीन बाल कहानियों को शामिल किया गया है । आपकी कहानियां अंग्रेजी, पंजाबी, उर्दू भाषा में अनुवादित है । आपकी पत्रकारिता की तीन पुस्तकों को दिल्ली विश्वविद्यालय, पंजाब विश्वविद्यालय और देश के कई पत्रकारिता विश्वविद्यालयों में सहायक ग्रंथों के रूप में शामिल किया गया है और पढ़ाया जा रहा है । आपकी कहानियों पर विश्वविद्यालयों में शोध हो चुका है और हो भी रहा है। आपके व्यक्तित्व और कृतित्व पर कई पुस्तकें और पत्रिकाएं प्रकाशित हो चुकी हैं। लोक सभा, राज्य सभा टीवी और दूरदर्शन पर “ पत्रिका कार्यक्रम “ में और कई समाचारपत्रों में आपके इंटरव्यू प्रकाशित हो चुके हैं।
(साहित्य सृजन के अलावा आपने देश के प्रतिष्ठित बैंक,पंजाब नेशनल बैंक के राजभाषा विभाग में वरिष्ठ प्रबंधक के रूप में कार्य किया है और दिल्ली बैंक नगर राजभाभाषा कार्यान्वयन समिति के माध्यम हिंदी के प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जिसके लिए आपको बैंक ने समय समय पर सम्मानित किया हैं। केंद्रीय सचिवालय हिंदी परिषद् में साहित्य मंत्री के रूप में आपकी सेवाएं और बैंक और देश की कई पत्रिकाओं के संपादन कर अपने हिंदी भाषा की अप्रतिम सेवा भी की है।) आपने कई देशों की साहित्यिक यात्राएं की हैं और विभिन्न विषय पर अपने लेख, व्याख्यान, पर्चे प्रस्तुत किए हैं।
हिंदी अकादमी, दिल्ली का 1987 में साहित्यिक कृति पुरस्कार, हरियाणा साहित्य अकादमी का हरियाणा गौरव सम्मान, वूमेन केसरी, साहित्य गौरव, राष्ट्र रत्न , साहित्य सुधाकर , साहित्य शिखर सम्मान, दिल्ली गौरव के अलावा देश विदेश की 60 से भी अधिक संस्थाओं ने आप को सम्मानित किया है।
इस अवसर पर देश से पधारे अनेक साहित्यकार इस सम्मान समारोह में सम्मिलित हुए जिन्हें सम्मानित किया गया विशेष रुप से शारदा मित्तल ,मुकेश गंभीर ,राजपाल यादव,चंद्रमणि सिंह ,सुनीता के नाम प्रमुख हैं।