Har Chhath 2023: संतान के लिए खास है हरछठ व्रत, जानें मुहूर्त, पूजन विधि और विशेष महत्व

  • किस माह में मनाई जाती है हरछठ
  • किन महिलाओं को करना चाहिए हर छठ की पूजा
  • क्या लगती है पूजा में सामग्री

Har Chhath 2023: हिंदू धर्म के अनुसार हरछठ की पूजा व्रत भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष में छठी तिथि को हरछठ का पर्व मनाया जाता है इस दिन महिलाएं ना तो खेत का जोता बोया अनाज या जोते बोए खेत का कोई फल भी नहीं खा सकती है और ना ही खेतों में जा सकती है और इस दिन गाय का दूध दही घी भी नहीं खा सकती है इस दिन भैंस के दूध की बनी चीजों का ही सेवन कर सकती है.

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क्या लगती है पूजा में सामग्री

भुना हुआ अनाज जिसे हम सतनजा कहते हैं महुआ के पत्तों के दोना और  कुछ महुवा के पत्ते सुपारी जो की सकट में पूजी जाती है गौरी गणेश सरसों के तेल का दीपक, सिंदूर, काजल, घी, धूपबत्ती, रुई बत्ती हरछठ के नीचे एक छोटा सा अनाज का ढेर बनाया जाता है रंग, बिंदी, चूड़ी पसाढ़ी के चावल, दही, किशमिश और कोई कोई सूखे महुवा के फल भी रखते हैं मिट्टी की कटोरी आदि ।

किन महिलाओं को करनी चाहिए हरछठ की पूजा

हरछठ की पूजा केवल वहीं महिलाएं करती है जिनके पुत्र होते हैं ।

किस प्रकार करनी चाहिए हरछठ की पूजा

सबसे पहले बहुरा चौथ के बाद जो दिन अच्छा होता है उस दिन पहले दीवाल की मिट्टी से पुताई की जाती है उसके बाद भैंस के गोबर से दीवार में पुतला का आकार बनाया जाता है लिपाई की जाती है फिर सूखने के बाद पसाढी के चावल को भिगोकर पीस लेते हैं फिर उसी से हरछठ बनाते हैं और फिर हरछठ के दिन सुबह से ही नहा धोकर पूजा की सभी सामग्री इकट्ठा कर लेते हैं और फिर आटे की पूड़ी बनाकर विधि के अनुसार हरछठ की पूजा करते हैं ।

दीवार  पर जो हरछठ बनाई जाती है उसे काजल और सिंदूर रंग आदि से उनका श्रृंगार करते हैं फिर सतनजा को मिट्टी की कटोरी में भर लेते हैं जिसमें 6 हरछठ के और 6- 6 जितने पुत्र होते हैं उनकी कटोरी भरकर पूजा करते हैं और जो छूल कुश और महुआ की डाल होती है उसे आंगन में गाडकर उसकी पूजा करते हैं और कुश में उल्टे हाथ मतलब बाएं हाथ से सात या फिर पांच गांठ लगाते हैं और इस दिन महिलाएं पसाढ़ी के चावल बनाकर दही से सर्व करती हैं।

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