दौलतपुर को साहित्यिक पर्यटन स्थल बनाने के लिए सीएम योगी को पत्र लिखेंगे राज्यपाल कोश्यारी
सम्मान समारोह
- देश की आर्थिक राजधानी में सरस्वती पुत्र आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी का यशगान
- डॉ राम मनोहर त्रिपाठी सेवा समिति मुंबई की ओर से रजत जयंती वर्ष पर महाराष्ट्र राजभवन में आयोजित किया गया सम्मान समारोह एवं कवि सम्मेलन
रायबरेली। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के राजभवन में सरस्वती पुत्र आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी का यशगान किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने आचार्य द्विवेदी के जन्म स्थल दौलतपुर को साहित्यिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने का प्रयास करने की कोशिश करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र तो लिखेंगे ही फोन पर भी बात करेंगे। उनके इस आश्वासन पर पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी स्मृति संरक्षण अभियान के रजत जयंती वर्ष पर आयोजित सम्मान समारोह में सम्मानित किए गए समिति के गौरव अवस्थी ने कहा कि 25 वर्षों के निरंतर प्रयास के बावजूद आचार्य द्विवेदी का जन्म स्थान को उनकी गरिमा के राष्ट्रीय स्मारक के रूप में विकसित नहीं किया जा सका। उन्होंने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से दौलतपुर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कराने का अनुरोध किया। इस पर राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने कहा कि वह महावीर प्रसाद द्विवेदी की जन्मस्थली रायबरेली जिले के दौलतपुर गांव को साहित्यिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए शीघ्र ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ पत्र-व्यवहार करेंगे।
आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी विश्व के संरक्षण अभियान के रजत जयंती वर्ष पर डॉ राम मनोहर त्रिपाठी सेवा समिति की ओर से महाराष्ट्र के राजभवन में आयोजित सम्मान समारोह एवं कवि सम्मेलन में श्री कोश्यारी ने कहा कि हिन्दी साहित्य जगत में महावीर प्रसाद द्विवेदी का बड़ा नाम है। जिस तरह संत तुलसीदास, मीराबाई, संत ज्ञानेश्वर, तुकाराम, गुरु नानक को भूलना असंभव है, उसी तरह हिंदी भाषा को लोकप्रिय रूप देने वाले महावीर प्रसाद द्विवेदी के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। आज हिंदी भाषा एक वैश्विक भाषा बन चुकी है। हिंदी देश के कोने-कोने में समझी और बोली जाती है। महावीर प्रसाद द्विवेदी जैसे लेखकों के योगदान से हिंदी को वैश्विक स्वरुप प्राप्त हुआ है।
उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध साहित्यकार और पूर्व मंत्री डॉ. राम मनोहर त्रिपाठी ने साहित्य, सामाजिक सरोकार और राजनीति में अपना एक विशिष्ट स्थान बनाया है। डॉ राम मनोहर त्रिपाठी ने मुंबई महानगर आकर महाराष्ट्र को अपना बना लिया। राज्यपाल ने कहा कि डॉ. राम मनोहर त्रिपाठी ने साहित्य, सामाजिक सरोकार और राजनीति में अपना एक विशिष्ट स्थान बनाया है।
कार्यक्रम को पूर्व राज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह, राज के पुरोहित, गीतकार मनोज मुंतशिर, अनूप जलोटा, डॉ मंजू पांडे, अनुराग त्रिपाठी, राजीव नौटियाल, समाजसेवक प्रशांत शर्मा, अनिल गलगली, सुबोध शर्मा, बृजमोहन पांडे, डॉ प्रदीप व्यास, दीपक पांडे, हरबंस सिंह, अमरजीत मिश्रा, शचिंद्र त्रिपाठी, हेमराज शाह, आर यू सिंह, जितेंद्र दीक्षित, बी आर भट्टड़, डॉ राजेंद्र सिंह, डॉ राधेश्याम तिवारी, अरविंद तिवारी, सुमिता सुमन सिंह, हरीश सणस, पूनम त्रिपाठी, डॉ व्यंकटेश जोशी, डॉ दीपनारायण शुक्ला, अशोक त्रिवेदी, अजय शुक्ला के अलावा साहित्यिक, पत्रकार व अन्य मान्यवर उपस्थित थे।
इस अवसर पर राज्यपाल द्वारा डॉ. राम मनोहर त्रिपाठी की रचना के लिए भजन सम्राट अनूप जलोटा और आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी स्मृति संरक्षण मिशन के आमंत्रित गौरव अवस्थी को सम्मानित भी किया गया। इस मौके पर आयोजित काव्य सभा में मराठी कवि रामदास फुटाने, डॉ. सुनील जोगी, योगेंद्र शर्मा, राजीव राज और ज्योति त्रिपाठी ने काव्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के बाद राज्यपाल द्वारा सभी कवियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन अनिल त्रिवेदी और आभार कन्हैयालाल सराफ ने व्यक्त किया।