भूगर्भ जल दोहन करने का दोषी पाये जाने पर व्यक्ति पर की जायेगी जुर्माना एवं दण्डात्मक की कार्यवाही: डीएम

रायबरेली 13 मार्च, 2023 : जिलाधिकारी/अध्यक्ष जिला भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद  माला श्रीवास्तव ने बताया है कि उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल प्रबंधन और विनियमन अधिनियम-2019 के अन्तर्गत राज्य में भूमिगत जल संरक्षित, नियंत्रित करने एवं भूमिगत जल का सत्त प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिये, उसे दोनों परिमाणात्मक और गुणात्मक स्थायित्व प्रदान करने के लिये विशेष रूप से भूजल संकटग्रस्त ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में भूजल संरक्षण एवं संवर्धन पर जोर दिया गया है एवं सभी औद्योगिक, वाणिज्यिक, अवसंरचनात्मक, आर0ओ0 प्लांट और सामूहिक उपयोगकर्ताओं को भूजल निष्कर्षण हेतु अनापत्ति प्रमाण-पत्र (एनओसी)/पंजीकरण का प्राविधान किया गया है इसके अतिरिक्त भूगर्भ कूप निर्माण की समस्त ड्रिलींग संस्थाओं का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है।

जिलाधिकारी  माला श्रीवास्तव ने समस्त औद्योगिक, वाणिज्यिक अवसंरचनात्मक, और सामूहिक उपयोगकर्ताओं अधिष्ठान यथा होटलों/लाजों/आवासीय कालोनियों/रिजोर्टों/निजी चिकित्सालयों/परिचर्या ग्रहों/कारोबार प्रक्षेत्रों/माल्स/वाटर पार्क इत्यादि सहित मौजूदा एवं प्रस्तावित भूजल उपयोगकर्ताओं को नोटिस के माध्यम से सूचित किया है कि उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल अधिनियम-2019 की धारा-39 के अन्तर्गत बिना पंजीकरण/अनापत्ति प्रमाण-पत्र के भूगर्भ जल दोहन करने का दोषी पाये जाने पर उस व्यक्ति/समूह/संस्था को 02 से 05 लाख रुपये तक का जुर्माना अथवा 06 माह से 01 वर्ष तक का कारावास अथवा दोनों दण्ड निर्धारित किये गये हैं।

जिलाधिकारी ने उपरोक्त श्रेणी के उपयोक्ता तत्काल भूगर्भ जल विभाग के वेब पोर्टल upgwdonline.in पर ऑनलाइन आवेदन कर पंजीकरण/अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करना सुनिश्चित करें।

इसके अतिरिक्त आवेदन से सम्बन्धित किसी भी अन्य जानकारी के लिए हाइड्रोलॉजिस्ट (कार्यालय सीनियर हाइड्रो जियो लाजिस्ट, भूगर्भ जल विभाग, प्रखंड-लखनऊ, तृतीय तल विकास भवन सर्वोदय नगर लखनऊ)/नोडल अधिकारी, जिला भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद जनपद रायबरेली की ईमेल आईडीvishvajeetsingh.upgwd@gmail.com पर सम्पर्क कर सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति/फर्म/संस्था द्वारा उपरोक्तानुसार भूगर्भ जल निष्कर्षण हेतु अनापत्ति प्रमाण-पत्र/रजिस्ट्रेशन हेतु नोटिस जारी होने की तिथि के 01 माह के अन्दर आवेदन नहीं किया जाता है तो उसके उपरान्त अवैध रूप से भूगर्भ जल निष्कर्षण किये जाने हेतु उसके विरुद्ध अधिनियम के अनुसार दंडात्मक कार्यवाही की जायेगी।

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