पूर्व विधायक रामनरेश रावत एक नेक दिल जमीनी नेता थे : राज्यमंत्री सुरेश राही
रायबरेली। बछरावां विधानसभा से भाजपा विधायक एवं पूर्व एमएलसी, पूर्व भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष रहे राष्ट्रीय युवा गौरव सम्मान से अलंकृत स्वर्गीय रामनरेश रावत के बेटे एवं बाराबंकी के भाजपा युवा मोर्चा जिला महामंत्री अरुण रावत से उनके बछरावां स्थित आवास पर मिलने पहुचे उत्तर प्रदेश के कारागार राज्यमंत्री सुरेश राही ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि पूर्व विधायक रामनरेश रावत उनके बड़े भाई के समान थे। वह हमारे मार्गदर्शक के साथ ही राजनैतिक गुरु थे। मैं अपने राजनैतिक गुरु की कर्मभूमि को नमन करता हूं। उन्होंने कहा कि.. है वही सूरमा इस जग में जो अपनी राह बताता है, कोई चलता पद-चिन्हों पर, कोई पद-चिन्ह बनाता है। बड़े भाई रामनरेश रावत एक नेक दिल जमीनी नेता थे जिन्होंने विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए जिस प्रकार से अपनी पृष्ठभूमि तैयार की थी उनसे प्रेरणा लेने की जरूरत है। कारागार मंत्री ने अरुण रावत के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा कि कभी कोई जरूरत महसूस हो तो हमें बेहिचक याद कर लेना।अपने पिता तुल्य राज्यमंत्री सुरेश राही का अपने कंधे पर हाथ रखा देखकर अरुण रावत भावुक हो गये उन्होंने पिता की कमी को अपने शब्दों में बयां करते हुए बताया कि 3 सितम्बर की वो काली रात बार- बार याद आ रही है जब दिल्ली में मैक्स हॉस्पिटल के क्रिटिकल केयर यूनिट में मैं बेबसी से खड़ा अपने पिता को वेंटीलेटर पर देख रहा था। बहुत कुछ पास होते हुए भी सब कुछ दूर जा चुका था, डॉक्टर से बार-बार यही कह रहा था की क्या अब कुछ नहीं हो सकता उन्होंने हर बार ना में ही जवाब दिया। यक़ीन ही नहीं हो रहा था कि जिस पिता के साथ कुछ घण्टे पहले बैठकर फल दलिया खाते हुए इधर-उधर की बातें कर रहा था। अब सीसीयू में उन्हीं को अचेत देख रहा था, शरीर में वेंटीलेटर से हवा तो आ जा रही थी पर सांस नहीं बची थी, जिसने यह भी तय कर रखा हो की ऑपरेशन के बाद कौन सा कुर्ता पहन कर घर चलेंगे उसके बीपी, पल्स को धीरे धीरे शून्य होते देखना सच में बड़ा ही भयावह था। जिन हाथों को पकड़कर चलना सीखा था उन्हीं हाथों को जब पकड़ा तो वो बर्फ से भी ज़्यादा ठण्डे थे। सब कुछ पता चल चुका था लेकिन स्वीकार करने की हिम्मत नहीं हो रही थी काश वो रात एक बुरे सपने की तरह बीत जाती और जगते तो फिर सब पहले जैसा हो जाता, किंतु ईश्वर को यह मंज़ूर नहीं था ।ईश्वर पूज्यनीय पिता की आत्मा को अपने श्रीचरणों में जगह दे एवं उनका आशीर्वाद सदा परिवार पर बना रहे। अरुण रावत की बातें सुनकर कारागार मंत्री भी भावुक हो उठे उन्होंने कहा कि असमय इस दुनिया से बड़े भाई रामनरेश रावत के जाने का गम हमें भी है। रामनरेश रावत के रूप में हमने एक अच्छा मार्गदर्शन और अपना राजनैतिक गुरु खो दिया है। उन्होंने कहा कि हर सुख दुख में मैं परिवार के साथ हूं, पूरे परिवार के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। अरुण रावत ने कहा कि पिताजी ने परिवार के अभिभावक के रूप में अपने दायित्वों का भली-भांति निर्वहन किया। जिनकी कमी हमेशा खलती रहेगी। उन्होंने कहा कि उनके पिताजी का बछरावां की जनता से बड़ा लगाव था। निधन के कुछ घण्टे पहले बछरावां विधानसभा के लोगों को याद कर रहे थे। हमेशा गरीबों एवं दीन दुखियों के उत्थान के लिए चिंतित रहते थे। उन्होंने कहा कि अपने पिता के पद चिन्हों पर चलते हुए बछरावां विधानसभा की जनता की सेवा करके उनके सपने को पूरा करने का काम करूंगा। यदि जाने अनजाने में पिताजी के सेवाकाल में कोई कमी रह गई होगी तो उसे दूर करने का प्रयास करुंगा। इस मौके पर हरिओम चतुर्वेदी, संदीप शुक्ला, मनीष गुप्ता, राजकुमार गुप्ता, मयंक, रंजन द्विवेदी, अखिलेश चौधरी, सनी, कुलदीप सिंह आज भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहे।
दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी