केला की खेती करके किसान एक एकड़ में कमा रहे 2 से 2.5 लाख रुपये मुनाफा
- कम लागत ,कम मेहनत में केला की खेती करके किसान हो रहे मालामाल
- अनाज और सब्जियों से ज्यादा लाभकारी है केला की खेती : कृषक रामसुमिरन मौर्या
शिवगढ़,रायबरेली। शिवगढ़ क्षेत्र के कुम्हरावां,पहाड़पुर,रीवां के किसानों को केला की खेती खूब रास आ रही है। कृषक एक एकड़ में केला की खेती करके 2 से ढाई लाख रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं। वहीं केला की खेती को बढ़ावा देने के लिए उद्यान विभाग किसानों को लागत का 40 प्रतिशत अनुदान दे रहा है। कुम्हरावां के प्रगतिशील कृषक राम सुमिरन मौर्या,पहाड़पुर के रहने वाले अरुण बाजपेई,सुखेन्द्र अवस्थी,शैलेन्द्र अवस्थी केला की खेती से एक एकड़ में 2 से ढाई लाख रुपए मुनाफा कमा रहे हैं।
पिछले 7 वर्षों से निरन्तर केला की खेती करते चले आ रहे रामसुमिरन मौर्या ने बताया कि 7 साल पहले नाबार्ड से आए कुछ लोगों ने उन्हें केला की खेती करने के लिए प्रेरित किया था और अपने खर्चे से पूना, उत्तराखण्ड, कृषि विश्वविद्यालय ले जाकर प्रशिक्षण दिलाया था। जिसके पश्चात पहली बाराबंकी से टिशू कल्चर के जी-9 किस्म के पौधे लाकर केला की खेती की शुरुआत की थी। जिसके बाद लखनऊ से टिशू कल्चर के जी-9 किस्म के पौधे लाकर खेती करते हैं जिनका मानना है कि उत्तर प्रदेश के लिए यही किस्म सबसे सर्वोत्तम है।
केला की उन्नतशील खेती के लिए राम सुमिरन मौर्या नाबार्ड द्वारा सम्मानित भी किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि केला की खेती के लिए इससे पूर्व नाबार्ड से अनुदान मिला था इस बार उद्यान विभाग द्वारा अनुदान मिला है। रामसुमिरन मौर्या ने बताया कि केला की खेती के कई फायदे है पहला लाभ 1 एकड़ में 50 से 60 हजार रुपए की लागत लगाकर 2 से ढाई लाख रुपए तक मुनाफा मिल जाता है।
दूसरा लाभ खेत से ही फसल बिक जाती है बिक्री में कोई दिक्कत नही होती। उन्होंने बताया कि केला की खेती के अलावां वे सब्जियों और अनाजों की खेती करते हैं किन्तु केला खेती में कम लागत,कम मेहनत में एक साथ लाखों का मुनाफा मिल जाता है। उन्होंने बताया कि जुलाई माह में पौधों की रोपाई की जाती है और सितम्बर, अक्टूबर में फसल तैयार हो जाती है।
उद्यान विभाग दे रहा केला की खेती को बढ़ावा
प्रदेश की योगी सरकार में उद्यान विभाग केला की खेती खूब बढ़ावा दे रहा है। शिवगढ़ उद्यान निरीक्षक वीरेश कुमार ने बताया कि यह 14 माह की फसल होती है एक हेक्टेयर में कुल 3086 पौधे लगाये जाते हैं। जिसमें लागत का कुल 40 अनुदान लगभग (45000 रुपए) उद्यान विभाग द्वारा दिया जाता है।
पहले वर्ष अनुदान का 75 प्रतिशत और दूसरे वर्ष पौधों के रखरखाव के लिए 25 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। एक बार पौधों की रोपाई करके 2 बार फसल ली जा सकती है। दूसरी बार पुराने पौधे नष्ट कर दिए जाते हैं कल्लों के रूप में निकले नए पौधे तैयार हो जाते हैं। पहले वर्ष 35 से 45 किलो की गैहर आती है और दूसरे वर्ष 25 से 35 किलो की गैहर आती है।
एक हेक्टेयर में किसान भाई लागत निकालकर आसानी से 7 से 8 लाख रुपए का मुनाफा कमा लेते हैं। इच्छुक कृषक इस महत्वाकांक्षी योजना का तुरन्त लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने बताया कि ज्यादा जानकारी के लिए कृषक उनके मोबाइल नम्बर 9450846622 पर काल करके पूरी जानकारी एवं योजना का लाभ ले सकते हैं।