एकनाथ शिंदे के नए वीडियो ने मचाई हलचल, इशारों-इशारों में किया बड़ा खुलासा
महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचाने वाले शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे का एक नया वीडियो सामने आया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि एक बड़ी राष्ट्रीय पार्टी ने उनके ऐतिहासिक निर्णय की सराहना की है। साथ ही उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन भी दिया है। बता दें कि शिंदे इस वीडियो में गुवाहाटी के एक होटल में शिवसेना के बागी विधायकों को संबोधित करते नजर आ रहे हैं।
वीडियो में बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने मराठी भाषा में भाजपा की तरफ इशारा करते हुए कहा, “एक राष्ट्रीय पार्टी ने मुझे बताया है कि हम लोगों ने जो भी फैसला लिया है वह ऐतिहासिक है और हमें सुनिश्चित किया है कि जो भी मदद की जरूरत होगी, दी जाएगी।” शिंदे वीडियो में कह रहे हैं कि हम एकजुट हैं और जीत हमारी होगी। एक राष्ट्रीय पार्टी है, जिन्होंने पाकिस्तान को हराया है। उसने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।”
बता दें कि एकनाथ शिंदे की बगावत ने महाराष्ट्र की ढाई साल पुरानी महाअघाड़ी विकास की सरकार को राजनीतिक संकट में डाल दिया। शिंदे का दावा है कि उन्हें 40 से अधिक शिवसेना विधायकों का समर्थन मिला हुआ है। वहीं निर्दलीय विधायकों को मिलाकर कुल 50 से ज्यादा विधायक उनके खेमे में हैं।
गुरुवार को एकनाथ शिंदे ने सीएम उद्धव ठाकरे के संबोधन के जवाब में तीन पन्नों का एक पत्र ट्वीट में शेयर किया। इसमें उन्होंने बागी विधायकों की स्थिति को बयां किया है।
पत्र में लिखा गया है, “महाराष्ट्र में शिवसेना का सीएम होने के बाद भी पार्टी के विधायकों को मुख्यमंत्री आवास(वर्षा बंगला) जाने का मौका नहीं मिलता। सीएम के आसपास जो लोग मौजूद हैं वहीं लोग तय करते थे कि शिवसेना विधायक उनसे मिल सकते हैं या नहीं। इस तरह से हमें अपमानित किया गया।”
पत्र में लिखा है कि सीएम कभी सचिवालय में नहीं होते थे, बल्कि मातोश्री (ठाकरे पारिवारिक निवास) में रहते थे। हम सीएम के आस-पास के लोगों को फोन करते लेकिन वे कभी हमारे कॉल्स नहीं उठाते थे। इस तरह की समस्याओं से हम तंग आ चुके हैं। इसके बाद ही एकनाथ शिंदे को यह कदम उठाने के लिए राजी किया।
पत्र में हिंदुत्व के मुद्दे पर लिखा गया है कि जब शिवसेना के लिए हिंदुत्व और राम मंदिर अहम मुद्दे हैं तो पार्टी ने हमें अयोध्या जाने से क्यों रोका। आदित्य ठाकरे की अयोध्या यात्रा के दौरान विधायकों को बुलाया गया और अयोध्या जाने से रोक दिया गया।