शिक्षा वह शेरनी का दूध है इसे जो पीता है वह सिंह की तरह दहाड़ने लगता है : दीपक
- दम्पति ने अनोखे अंदाज में समाज को दिया शिक्षा के प्रति संदेश
शिवगढ़,रायबरेली। क्षेत्र के मवइया मजरे पिण्डौली गांव के रहने वाले समाजसेवी एवं बौद्ध उपासक महासभा के पदाधिकारी दीपक कुमार ने एक सच्ची मिशाल पेश करते हुए अपनी शादी की पहली वर्षगांठ पर पत्नी नीतू के साथ गांव के गरीब छात्र-छात्राओं को बहुजन महापुरुषों के जीवन पर आधारित वर्णमाला व कापी,किताबें,पेन,पेंसिल आदि स्टेशनरी सामग्री एवं चॉकलेट वितरित करके बच्चों का पढ़ाई के प्रति उत्साह वर्धन किया।
हमेशा समाज सेवा के प्रति समर्पित रहने वाले दीपक कुमार ने बताया कि उनकी सोंच है कि कोई भी गरीब बच्चा पढ़ाई से वंचित ना रहे। जिसको लेकर वे पिछले कई वर्षों से अभियान चलाकर बच्चों एवं अभिभावकों को पढ़ाई के प्रति जागरूक करते हुए शिक्षा की अलख जगा रहे हैं। उन्होंने अभिभावकों से अपील करते हुए कहाकि भले ही खुद को एक वक्त की रोटी खाकर जीवन काटना पड़े किन्तु बच्चों को अवश्य पढ़ाएं, क्योंकि शिक्षा विकास के सारे रास्ते खोल देती है,सोंचने समझने की शक्ति जागृत करती है। बाबा साहब ने कहा था कि शिक्षा वह शेरनी का दूध है जो इसे पीता है वह सिंह की तरह दहाड़ने लगता है।
शादी की पहली वर्षगांठ पर दीपक कुमार व उनकी धर्मपत्नी नीतू ने केक काटकर शादी की सालगिरह मनाने की बजाय गांव के 45 गरीब छात्रा – छात्राओं को स्टेशनरी सामग्री देकर पढ़ाई के प्रति उनका उत्साह वर्धन करना मुनासिब समझा। दम्पति दीपक और नीतू ने अपने पास से छात्र-छात्राओं को स्टेशनरी सामग्री वितरित करने के साथ ही गरीब बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षक अनिल कुमार व मौके पर मौजूद शिक्षक रामसजीवन, जागेश्वर प्रसाद,समाजसेवी आलोक बौद्ध,विशेश्वर,संजय भारती,अवधराम,क्षेत्र पंचायत सदस्य राजेश कुमार को आदि लोगों को सम्मानित किया, दीपक और नीतू के इस नेक कार्य की सभी सराहना कर रहे हैं।