शिक्षा बन गया उद्योग, महंगी पढ़ाई पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
देश में शिक्षा व्यवस्था एक उद्योग बन गया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह तीखी टिप्पणी की है। मंगलवार को एक मामले में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने कहा कि देश में एजुकेशन सिस्टम एक इंडस्ट्री बन चुका है, जिन्हें बड़े बिजनेस घराने चला रहे हैं। मेडिकल कॉलेजों की फीस इतनी बढ़ चुकी है कि डॉक्टरी की पढ़ाई करने के इच्छुक स्टूडेंट्स को यूक्रेन जैसे दूरदराज के देशों तक जाना पड़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट की ये तीखी टिप्पणी फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया की उस याचिका पर आई जिसमें उसने दिल्ली और कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसलों को चुनौती दी है।
दरअसल फार्मेसी काउंसिल ने नए फार्मेसी कॉलेज खोलने पर रोक लगा दी है। 2020-21 के सेशन से अगले 5 साल के लिए यह रोक लगाई थी। यह प्रकरण हाईकोर्ट गया था जहां पर हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पीसीआई के आदेश के खिलाफ 88 याचिकाएं हाईकोर्ट में दाखिल की गई थीं। ये याचिकाएं नए फार्मेसी कॉलेज खोलने के इच्छुक लोगों की तरफ से दायर की गई थीं क्योंकि नए कॉलेज खोलने के लिए पीसीआई से एनओसी लेना जरूरी होता है। पीसीआई के इस आदेश में पूर्वोत्तर और ऐसे राज्यों को छूट दी गई थी, जहां पर डी. फार्मा और बी. फार्मा के कॉलेजों की संख्या 50 से कम है। पीसीआई के आदेश पर रोक लगाते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि काउंसिल ने अपने अधिकारों से आगे जाकर ये आदेश पारित किया है, ऐसे में इसे जारी नहीं रखा जा सकता।
हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान काउंसिल की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ये रोक इसलिए लगाई गई थी ताकि फार्मेसी कॉलेजों की बाढ़ पर लगाम कसी जा सके। तुषार मेहता ने कहा था कि ये इसको पैसा कमाने का जरिया बना दिया गया था। इसके लिए ये एजुकेशन के स्टैंडर्ड को भी ताक पर रख देने से नहीं चूक रहे थे। इस पर जस्टिस गवई की अध्यक्षता वाली वैकेशन बेंच ने कहा कि हर कोई जानता है कि भारत में एजुकेशन एक इंडस्ट्री बन चुकी है। बड़े-बड़े बिजनेस घराने मेडिकल और फार्मेसी कॉलेज चला रहे हैं। इनमें पढ़ाई इतनी महंगी है कि छात्रों को यूक्रेन तक का रुख करना पड़ रहा है। वहां की पढ़ाई यहां के मुकाबले काफी सस्ती है। इस टिप्पणी के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले में आगे भी सुनवायी जारी रखी है। अगली सुनवायी 26 जुलाई को होगी।