तालाब में पानी की जगह उड़ रही धूल ! बूंद-बूंद पानी को तरस रहे जीव-जंतु
ग्राम प्रधान एवं अधिकारियों को है नहर का इन्तजार
शिवगढ़,रायबरेली : गांव में जलस्तर बनाए रखने एवं जीव जन्तुओं की प्यास मिटाने के लिए ग्राम पंचायतों में बनवाए गए अधिकांश आदर्श तालाबों में पानी की जगह धूल उड़ रही है, जिसको लेकर ग्रामीणों में गहरा रोष व्याप्त है। जिसका जीता जागता उदाहरण क्षेत्र के नरायनपुर में बना आदर्श तालाब है। जिसमें पानी का नामोनिशान नहीं है, इस आदर्श तालाब में पानी की जगह धूल उड़ रही। तालाब के द्वार पर लगा गेट का एक पल्ला वर्षों से गायब है। पड़ रही भीषण गर्मी में तेज धूप, गर्म हवाओं के थपेड़े जीव- जन्तुओं के साथ ही मानव को झुलसा रहे हैं। ऐसे में हर हलक को गला तर्र करने के लिए पानी की जरुरत है। किन्तु अफसोस है कि नरायनपुर में बने आदर्श तालाब में अमृत रूपी पानी दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा।
तालाब को पानी से लबालब रहना चाहिए, किन्तु ग्राम प्रधान एवं जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही से तालाब में धूल उड़ रही है। तालाब में पानी न होने से भीषण गर्मी में जहां जीव-जन्तु एक एक बूंद पानी के लिए तरह रहे हैं, वहीं तालाब के आस – पास का जलस्तर नीचे चला गया है। ज्ञात हो कि सरकार ने तालाबों का स्वरूप बदलने एवं पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कराने तथा भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में आदर्श तालाब बनवाए थे। इस योजना में खामी कहें या फिर निगरानी का अभाव या फिर गुणवत्ताहीन निर्माण। यह आदर्श तालाब अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है।
प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक या 2 तालाबों में पंपिंग सेट अथवा नहर से पानी भरवाने के लिए सीडीओ साहब ने आदेश दिया है, नहर आएगी पानी भरवाया जाएगा।
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