वृक्षारोपण से ज्यादा जरूरी है वृक्षों का संरक्षण

वृक्षारोपण से ज्यादा जरूरी है वृक्षों का संरक्षण

पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए करना होगा अधिक से अधिक वृक्षारोपण

शिवगढ़,रायबरेली : धार्मिक अनुष्ठानों, सामाजिक कार्यों एवं समाज सेवा के क्षेत्र में अद्वितीय छाप छोड़कर लोगों के दिलों में गहरी जगह बना चुके नगर पंचायत के शिवगढ़ कस्बा स्थित परशुराम आवास में रहने वाले समाजसेवी राज भैया उर्फ राज दीक्षित हरियाणा वाले ने पेड़ों की कमी से लगातार बढ़ते जा रहे तापमान एवं पर्यावरण असंतुलन के प्रति चिन्तन व्यक्त करते हुए कहाकि ‘ यदि बढ़ता रहा प्रदूषण तो, मिट जाएगा मानव ये, रो देगी ओजोन हमारी, मिट जाएगी धरती सारी, पेड़ लगाकर सभी हवा दो इस विपत्ति को, वरना मिट जाएगी सृष्टि। वृक्षों के संरक्षण के प्रति हम सभी को सोचना चाहिए।

‘किसी ने क्या खूब कहा है-पेंड़ काटने आए हैं कुछ लोग मेरे गांव में,धूप अभी बहुत तेज हैं ये कहकर बैठें हैं उसी की छांव में।’ श्री दीक्षित ने कहा कि वृक्षारोपण से ज्यादा जरूरी वृक्षों का संरक्षण है। क्योंकि एक पेड़ अपने जीवन में हजारों सिलेंडर के बराबर ऑक्सीजन, कई एसी के बराबर शीतलता, कई कूलर, कई पंखों के बराबर हवा देता है। उन्होंने कहा कि पेड़ पौधे जहां उपहार स्वरूप जीवनदायिनी प्राणवायु ऑक्सीजन, फल, फूल औषधियां देते हैं वहीं पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

यदि इसी तरह लगातार घटती हुई पेड़ों की संख्या में इजाफा होता रहा तो तापमान बढ़ने के साथ ही ऑक्सीजन की कमी हो जाएगी, जिससे जीना दूभर हो जाएगा। भीषण गर्मी में पेड़़ तापमान को कम करने के साथ ही शीतलता प्रदान करते हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण पेड़ों की जड़ों से पत्तियों तक पानी का होना होता है। पेड़ों के आस-पास नमी रहती है, इसलिए पेंड़ शीतल छाया प्रदान करते है।

प्रकाश संश्लेषण क्रिया के दौरान पेड़- पौधे प्रकाश को अवशोषित करते हैं जिससे पेड़ों के आस-पास तापमान कम रहता है। वर्तमान समय में पेड़ों की कमी से जहां तापमान 50 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक पहुंच चुका है वहीं कोरोना महामारी के संकटकाल में पूरी दुनिया ऑक्सीजन की कमी महसूस कर चुकी है अभी भी वक्त है हम सभी चेत जाएं और अपने लिए ना सही आने वाली पीढ़ी के लिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण कर अपना नैतिक कर्तव्य निभाएं। उन्होंने संकल्प लेते हुए कहा कि इस बार बारिश में वे अपनी टीम के साथ सार्वजनिक स्थलों पर पीपल,बरगद,पाकर,नीम, गूलर, महुआ,कंजी आदि के पेंड़ लगाने के साथ ही लोगों को वृक्षारोपण के प्रति प्रेरित करेंगे।

यह भी पढ़े : 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *