Cabinet Decisions: किसानों को 3 लाख तक के लोन पर 1.5 फीसदी की छूट, केंद्रीय कैबिनेट का बड़ा फैसला
Cabinet Decisions: केंद्रीय कैबिनेट की बुधवार को संपन्न हुई अहम बैठक में सरकार ने किसानों को राहत देने के इरादे से बड़ी घोषणा की है.कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि केंद्र सरकार लगातार किसानों को सशक्त बनाने का काम कर रही है. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि कैबिनेट की बैठक में तीन लाख रुपये तक के लघु अवधि के कृषि लोन पर 1.5 फीसदी की छूट को मंजूरी दे दी गई है.
किसानों को कृषि के क्षेत्र में मिल सकेगा पर्याप्त लोन
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि इस योजना के तहत साल 2022-23 से 2024-25 के बीच में 34,856 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया गया है. बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार के इस फैसले से किसानों को कृषि के क्षेत्र में पर्याप्त ऋण मिल सकेगा. सरकार ने किसानों को ऋण में छूट देने के साथ ही क्रेडिट लाइन गारंटी योजना कोष को भी बढ़ाने को मंजूरी दे दी है. गौरतलब हो कि इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि सरकार कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी और अवसंरचना के विकास पर ध्यान दे रही है. इससे गांवों में पढ़े-लिखे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
जानिए क्या है सबवेंशन स्कीम
बता दें कि सरकार की ओर से सहकारी समितियों और बैंकों के जरिए किसानों को कम ब्याज दर पर लघु और दीर्घ अवधि के लिए ऋण दिया जाता है. इस लोन को कई किसान समय पर चुका देते हैं, जबकि कई किसान किसी कारणवश समय पर लोन नहीं चुका पाते हैं. जो किसान समय पर लोन चुका देते हैं, ऐसे किसानों के लिए ही ब्याज अनुदान योजना अनुदान यानी इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम का फायदा मिलेगा. बताते चलें कि फिलहाल सरकार किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के तहत कम ब्याज दरों पर लोन देती है. जिन किसानों के पास क्रेडिट कार्ड नहीं है, वह अपने ब्लॉक क्षेत्र में जाकर अपना किसान क्रेडिट कार्ड बनवा सकते हैं. अगर कोई किसान, किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए लोन लेता है तो उसे 4 फीसदी की ब्याज पर तीन लाख रुपए तक का लोन मिल जाता है. यही नहीं किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए पीएम किसान सम्मान निधि का फायदा भी मिलता है.
किसानों को होगा फायदा
ब्याज सबवेंशन में वृद्धि कृषि क्षेत्र में ऋण प्रवाह की स्थिरता सुनिश्चित करने के साथ-साथ वित्तीय स्वास्थ्य और ऋण देने वाली संस्थाओं, विशेष रूप से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों की व्यवहार्यता सुनिश्चित करेगी. साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पर्याप्त कृषि ऋण सुनिश्चित करेगी. बैंक धन की लागत में वृद्धि को अवशोषित करने में सक्षम होंगे और किसानों को अल्पकालिक कृषि आवश्यकताओं के लिए ऋण देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और अधिक किसानों को कृषि ऋण का लाभ प्राप्त करने में सक्षम बनाया जाएगा. इससे रोजगार का भी सृजन होगा, क्योंकि पशुपालन, डेयरी, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन सहित सभी गतिविधियों के लिए अल्पावधि कृषि ऋण प्रदान किया जाता है. किसान समय पर ऋण चुकाते समय 4 फीसदी प्रति वर्ष की ब्याज दर पर अल्पकालिक कृषि ऋण प्राप्त करना जारी रखेंगे.
कृषि ऋण के जुड़े इन बातों को भी जानें
किसानों को सस्ती दर पर परेशानी मुक्त ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है. इसी के तहत, किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गई थी, ताकि वे किसी भी समय कृषि उत्पादों और सेवाओं को क्रेडिट पर खरीद सकें. यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसानों को बैंक को न्यूनतम ब्याज दर का भुगतान करना है, भारत सरकार ने किसानों को रियायती ब्याज दरों पर अल्पकालिक ऋण प्रदान करने के लिए ब्याज सबवेंशन योजना (आईएसएस) की शुरुआत की, जिसे अब संशोधित ब्याज सबवेंशन योजना (एमआईएसएस) नाम दिया गया है. बता दें कि हाल ही में, आत्मानिर्भर भारत अभियान के तहत, 2.5 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले 3.13 करोड़ से अधिक किसानों को नया किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) जारी किया गया है. PM-KISAN योजना के तहत नामांकित किसानों के लिए KCC संतृप्ति अभियान जैसी विशेष पहलों ने भी KCC को स्वीकृत करने के लिए शामिल प्रक्रिया और दस्तावेजीकरण को सरल बनाया है.