भगवा साफा बांध कर दो मुस्लिम भाइयों ने रची कांवड़ यात्रा रोकने की साजिश, प्रशासन ने संभाला माहौल
महामारी कोरोना के बाद इस बार से सावन के महीने में श्रद्धालु कांवड़ यात्रा पूरे जोश के साथ कर रहे हैं. दो साल के बाद भी लोगों में वही उत्साह है. लेकिन इस समय प्रदेश के हर जिले का प्रशासन अलर्ट पर है क्योंकि पूर्व में सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ने की हर संभव कोशिश की गई. इसी बीच शहर में माहौल खराब करने की कोशिश की गई, भगवा साफा बांध कर दो सगे मुस्लिम भाइयों ने सैकड़ों पुरानी तीन पीर बाबाओं की मजार पर तोड़फोड़ और आगजनी की.
बाबाओं की मजार पर तोड़फोड़ और आगजनी
दरअसल, ये मामला शहर के शेरकोट इलाके का है, यहां रविवार की शाम दो सगे भाई आदिल व कमाल ने हिंदू धर्म का लिबास पहन सैकड़ों साल पुरानी दरगाह भूरे शाह बाबा और जलालशाह बाबा व तीसरी कुतुब शाह की मजार के साथ तोड़फोड़ करके चले गए. इतना ही नहीं, दोनों भाइयों ने मजार पर चढ़ी चादरों में आग लगा दी. हालांकि डीएम और एसपी की सूझबूझ से शहर में माहौल नहीं बिगड़ा. इसी के साथ ही पुलिस ने दोनों भाइयों को गिरफ्तार भी कर लिया है.
टूटे मकबरों की मरम्मत करा रही है पुलिस
पुलिस को अपनी जांच में पता चला है कि दोनों भाइयों ने माहौल बिगाड़ने की नीयत से भगवा रंग का चोला पहनकर वारदात को अंजाम दिया. जब मुस्लिम युवक वारदात को अंजाम देने में लगे थे, तभी कुछ राहगीरों ने उन्हें मजार पर तोड़फोड़ करते देखा. इससे वहां आनन-फानन में बिजनौर के डीएम और एसपी मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रण में लेकर तीनों टूटे मकबरों की मरम्मत का कार्य तत्काल शुरू कर दिया. पुलिस अधिकारी उनसे पूछताछ कर रहे हैं.
परिवारवालों ने बताया मानसिक बीमार
वहीं एसपी दिनेश सिंह ने बताया कि रविवार शाम शेरकोट इलाके के जलाल शाह मजार में तोड़फोड़ की सूचना मिली. जिसके बाद मौके पर पुलिस पहुंची. इसके बाद जब पुलिस मौके पर पहुंची तो पता चला कि दो भाइयों मोहम्मद कामिल और मोहम्मद आदिल ने तोड़फोड़ की है. जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है. उधर, उनके परिजनों का कहना है कि दोनों मानसिक रूप से बीमार हैं.